यह बात हम सभी जानते है कि दुनियाभर में हर जगह अलग-अलग परम्पराएं होती है। आइए आज हम आपको एक ऐसे द्वीप के बारे में बताने जा रहे है। इस द्वीप का नाम बाली द्वीप समूह है। यहां किसी इंसान की मौत किसी पर्व से कम नहीं होती है। यहां जब भी कोई मरता है तो परिवार के अन्य सदस्य नाच-गाना शुरू कर देते हैं। उनका यह उल्लास और पर्व काफी लंबे समय तक चलता है। बाली निवासियों का मानना है कि मृत्यु के पश्चात आत्मा सभी बंधनों से मुक्त हो जाती है इसीलिए पारिवारिक सदस्यों को उत्साहित होकर आत्मा के बंधन मुक्त होने की खुशियां मनानी चाहिए।
जब किसी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो उस परिवार के लोग रंग-बिरंगी पोशाकों में शव को अंतिम विदाई देते हैं। युवतियां महंगे और चमकीले आभूषण पहनकर निकलती हैं। बालों में सुंदर फूल लगाकर और बैंड बाजे के साथ सब बाहर निकलते हैं और साथ-साथ चलती हुई मृदंग की ध्वनि पर्व जैसा अहसास करवाती है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जुलूस की तरह शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है। जुलूस के आगे-आगे रेशमी कपड़ों और फूल-मालाओं से लिपटा एक साठ फीट लंबा स्तंभ चलाया जाता है और इस स्तंभ के अंदर ही शव को रखा जाता है। उल्लेखनीय है कि बाली द्वीप के लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी सशक्त नहीं होती कि वह शव का अंतिम संस्कार कर पाएं इसीलिए अधिकांश लोगों को अपना घर तक बेचना पड़ता है। लेकिन बाली-निवासी के लिए इससे बढ़कर और क्या बात होगी, जो उसने किसी मृत व्यक्ति की आत्मा के लिए अपना घर-बार बेचकर भी अपने कर्त्तव्य का पालन किया।
जब कोई मरता है तो उसके घर के बाहर घी का दिया जलाया जाता है और शव को ठीक दहलीज पर रखकर शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा की जाती है। कभी-कभी तो दफनाने का यह शुभ मुहूर्त कई दिनों तक नहीं आता है।
ये भी पढ़ें - Pics: जब "बुलेटरानी" बनकर आई दुल्हन और...