मां का दूध बच्चे को देगा कोरोना से लड़ने की ताकत : विशेषज्ञ

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 09 अप्रैल 2020, 11:02 AM (IST)

लखनऊ। कोरोना वायरस ने महामारी का रूप धारण कर लिया है। इस संक्रमण से छोटे बच्चों को सुरक्षित रखने के पूर्ण आहार देना जरूरी है। जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर न हो सके। क्षमता कमजोर होने से बच्चों को संक्रमित होंने का खतरा है। ऐसे में मां का दूध कोरोना संक्रमण से लड़ने की ताकत देगा। यह बात क्वीन मैरी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ड़ एस़ पी़ जैसवार ने कही।
राजधानी स्थित जैसवार ने बताया, "कोरोना वायरस मां के दूध में नहीं पाया जाता परन्तु खांसने या छींकने पर बूंदों और एरोसेल के माध्यम से फैलता है। यदि मां पूरी सावधानी के साथ अपने स्वच्छता व्यवहार पर ध्यान दें तो स्तनपान करने पर भी संक्रमण से बचा जा सकता है।"


ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

उन्होंने बताया कि "बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर पीला गाढ़ा दूध पिलाना इसलिए भी जरूरी होता है, क्योंकि वही उसका पहला टीका होता है जो कि कोरोना जैसी कई बीमारियों से बच्चों की रक्षा कर सकता है । इसके अलावा मां के दूध में एंटीबडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और जिनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है उनको कोरोना से आसानी से बचाया जा सकता है। शुरू के छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए क्योंकि उसके लिए वही सम्पूर्ण आहार होता है। इस दौरान बाहर का कुछ भी नहीं देना चाहिए। यहां तक कि पानी भी नहीं, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है।"
डॉ़ जैसवार ने बताया, "बदलते मौसम के दौरान यदि मां बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही है तो वह बच्चे को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कराये। ऐसी स्थिति में मास्क पहनकर ही बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए। खांसते और छींकते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढक लें। छींकने और खांसने के बाद, बच्चे को अपना दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से 40 सेकण्ड तक धोएं। किसी भी सतह को छूने से पहले उसे साबुन या सेनेटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें।"

ये भी पढ़ें - प्रदूषण का आंखों पर होता है ये असर

जैसवार ने बताया कि "यदि मां स्तनपान कराने की स्थिति में नहीं है तो वह मास्क पहनकर अपना दूध साफ कटोरी में निकालकर और साफ कप या चम्मच से बच्चे को दूध पिला सकती है। इसके लिए भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है कि अपना दूध निकालने से पहले हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह से धोएं, जिस कटोरी या कप में दूध निकालें उसे भी साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।"
उन्होंने बताया, "छह माह से बड़े बच्चों को स्तनपान कराने के साथ ही पूरक आहार देना भी शुरू करना चाहिए क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समय होता है। इस दौरान दाल, दूध, दूध से बने पदार्थ, मौसमी फल और हरी सब्जियां देना चाहिए।"
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - जानें कलौंजी के औषधीय गुणों के बारें में