हनुमान जयंती: ये खास उपाय देंगे सभी कष्टों से मुक्ति

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 07 अप्रैल 2020, 3:30 PM (IST)

आज पूरी दुनिया में हनुमान जयंती मनाई जाएगी। हनुमान जयंती के दिन आप पवन पुत्र को प्रसन्न करके अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं। आसुरी शक्तियों के विनाश के अलावा ग्रहजनित दोष या तंत्र-मन्त्र के ऋणात्मक प्रभावों का शमन हनुमान जी की उपासना व जाप से निम्नानुसार होता है-

ग्रह जनित बाधाएं

नव ग्रहों में राहू ,केतू व शनि जातकों को सर्वाधिक पीड़ित करते हैं, ऐसे में राहू से बाधाएं होने पर आप हनुमान जी की नियमित आराधना के साथ इन्हें हर छह माह के अंतराल पर चोला चढ़ाएं। मंगलवार के दिन लौंग लगाकर बूंदी के लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनिकृत दोषों के शमनार्थ निरंतर हनुमान चालीसा का पाठ करें। एक पौराणिक कथानुसार शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया हुआ है की वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे। केतू कृत दोषों के शमनार्थ मंगल दोष संबंधी उपाय ही किए जाते हैं, इसके लिए हनुमान जी के सामने “ॐ हं हनुमते नमः’ मंत्र के 40000 जाप करे या कराएं क्योंकि शास्त्रनुसार ‘कुजवत केतू शनिवत राहू‘ |

शत्रु से मुक्ति के लिए
यदि कोई शत्रु परेशान कर रहा है या न्यायालय में मुकदमा कर रखा है तो इसके उपाय के लिए बजरंग बाण का पाठ नित्य सात बार घी का दीपक जलाकर रात्रि मे नौ बजे के बाद करें। शीघ्र मुक्ति मिलेगी|

रोगों के शमनाें के लिए
हनुमान जी की प्रतिमा के सामने राम रसायन तुम्हारे पासा, सदा रहो रघुपटी के दासा की एक माला चमेली के तेल का दीपक जलाकर करें तो कैसा भी रोग हो, शीघ्र निदान होगा|

ऋण मुक्ति के लिए
प्रत्येक माह की त्रयोदशी से पूर्णिमा तक हनुमान जी की प्रतिमा के आगे लाल वस्त्र पर ऋण मक्ति यंत्र व लक्ष्मी यंत्र की स्थापना कर हनुमान गायत्री मंत्र की तीन माला का जाप सुबह शाम करें| तीन महीनों में ही दिन बदलने लगेंगे।

टोने-टोटकों के उपाय
टोने-टोटकों के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए ॐ हं हनुमतये फट स्वाहा मंत्र से तीन माला नित्य जपा करें। कुछ ही दिनों में आपको असर दिखने लगेगा।


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काला जादू या भूत प्रेत बाधा
किसी भी तरह की बाधा निवारणार्थ नित्य पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करें और ॐ हं हनुमते नमः मंत्र का जाप मध्यान्ह काल में लाल आसन पर उत्तराभिमुख बैठकर करें| हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के सिंदूर,चमेली का तेल व चांदी के वर्क से चोला चढ़ाए, ध्वजारोहण करें, नारियल भेंट कर पूजा-प्रार्थना कर व हनुमानजी को रोट या चूरमे का भोग लगाएं|

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