करेला खाने से दूर होती है ये बीमारियां

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 07 अप्रैल 2020, 12:07 PM (IST)

करेला औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कच्चा करेला ही ज्यादा मुफीद होता है। करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होती हैं और करेला पक जाए तो बीज लाल हो जाते हैं। जब तक पकता नहीं तक तग बीज सफेद रहते हैं।
करेले का न्युट्रिशनल वैल्यू: करेले में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, बी और सी पाए जाते हैं। इसके अलावा कैरोटीन, लुटीन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैगजीज जैसे फ्लावोन्वाइड भी पाए जाते हैं।

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करेले में मौजूद खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं जिससे कैंसर जैसी बीमारी का मुकाबला भी किया जा सकता है। डार्क करेला में ढेरों एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन पाए जाते हैं। करेले का सेवन हम कई रूपों में कर सकते हैं। हम चाहें तो इसका जूस पी सकते हैं, सब्जी या अचार बना सकते हैं। करेला ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से पैदा हुई बीमारियों के इलाज के लिए बहुत लाभकारी है। अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर हो तो किसी भी प्रकार करेले का नित्य सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है।

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