भाजपा का स्थापना दिवस आज, 40 साल किए पूरे,BJP की शून्य से शिखर तक की यात्रा, यहां जानें

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 06 अप्रैल 2020, 09:47 AM (IST)

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने आज चालीस बसंत पूरे कर लिए हैं। भाजपा का गठन हुए आज 40 साल हो गए हैं। 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी का गठन हुआ था। इस पार्टी का गठन 10 सदस्यों के साथ शुरू हुआ। आज भाजपा के पास देश में 18 करोड़ के करीब सदस्य हैं। केंद्र से लेकर 18 राज्यों में अपनी या गठबंधन की सरकार है और पार्टी के 303 लोकसभा सांसद हैं। भाजपा देश ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा कर रही है। इस दल ने अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी युग तक काफी संघर्ष किया है। भाजपा ने इन सालों में तमाम तरह के उतार चढ़ाव से गुजरते हुए शून्य से शिखर तक का सफर तय किया है।आपको बताते जाए कि 6 अप्रैल 1980 को अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विजयाराजे सिधिंया, सिकंदर बख्त जैसे नेताओं ने मिलकर भाजपा का गठन किया था। तब बीजेपी की कमान अटल बिहारी वाजपेयी को सौंपी गई। उनके नेतृत्व में सत्ता के शिखर तक पहुंचने का सपना देखा गया। 1984 में हुए आम चुनाव में भाजपा को महज 2 सीट ही हासिल हुई। इस हार के भाजपा की लालकृष्ण आडवाणी को सौंपी गई।

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आडवाणी के कंधों पर अब बीजेपी के नेतृत्व की जिम्मेदारी थी तो पार्टी पर नियंत्रण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का था। आडवाणी हिंदुत्व व राममंदिर मुद्दे को लेकर आगे बढ़े और काफिला बढ़ता गया । 1989 के आम चुनाव में भाजपा देश की दूसरे नम्बर की पार्टी बन गई।
हिमाचल के पालमपुर में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में 1988 में अयोध्या मुद्दे को पार्टी के एजेंडे में शामिल कर लिया गया। सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा ने बीजेपी में नई ऊर्जा का संचार कर दिया। आडवाणी की लोकप्रियता भी बढ़ी और वह संघ से लेकर पार्टी की नजर में काफी बुलंदी पर पहुंच गए। ,इसी दौरान छह दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचा गिर गया। लालकृष्ण आडवाणी का नाम 'जैन हवाला डायरी' में आ गया।

इसके बाद भाजपा और संघ परिवार ने आडवाणी के बजाय उदारवादी छवि वाले अटल बिहारी वाजपेयी के चेहरे के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया। 1995 में मुंबई अधिवेशन में वाजपेयी को बीजेपी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। हालांकि, पार्टी की कमान आडवाणी के हाथों में रही।
भाजपा ने 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में पहली बार 13 दिन की सरकार बनाई। इसके बाद 1998 में पार्टी की 13 महीने तक सरकार चली। 1999 में फिर एक ऐसा वक्त आया, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने बतौर प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।इस तरह वह सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे, लेकिन 2004 में बीजेपी की सत्ता में वापसी नहीं हुई। इसके चलते बीजेपी को 10 साल तक सत्ता का वनवास झेलना पड़ा।

2011 में देश के 9 राज्यों में भाजपा की सरकार थी। 2013 में राजनाथ फिर पार्टी अध्यक्ष बनाए गए। यहीं से भाजपा में मोदी युग की शुरुआत हुई। बीजेपी अध्यक्ष ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री उम्मीदवार चुना। फिर मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार किया और आसानी से सरकार बनाई।
2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के साथ ही भाजपा की तीन धरोहर अटल, आडवाणी, मुरली मनोहर के युग की समाप्ति हो गई। अब भाजपा में मोदी युग चल रहा है। पार्टी का नेता ही नहीं संगठन, चुनाव लड़ने का तरीका, सरकार चलाने का तौर तरीका, निर्णय लेने और उन्हें लागू करने की तत्परता, पार्टी की नई पहचान बन गई है। बीजेपी दूसरी बार 2019 पूर्णबहुमत के साथ सत्ता में आई। कश्मीर से 370 हटाने से लेकर तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने तक फैसला मोदी सरकार में हुआ है। मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री है तो अमित शाह गृहमंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील पर आज पूरा देश खडा हो जाता है। इसका परिणाम 5 अप्रेल 2020 की रात्रि 9 बजे पूरे देश के लोगों ने लाइट बंद करके दीपक, मोमबत्ती जलाई। इस प्रकार लगा की पूरे देश में दीवाली मनाई है।