Lockdown को तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लगा झटका, यहां जानिए आखिर है क्या

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 31 मार्च 2020, 5:35 PM (IST)

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को तेलंगाना से आई एक खबर से बडा झटका लगा। दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेकर लौटें 6 लोगों की मौत कोरोना से हो गई । इसके बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया । क्योंकि पूरे देश से लोग भाग लिए थे। इसके बाद हर कोई जानना चाहता है कि 'तबलीगी जमात' है क्या। तेलंगाना के छह लोगों की मौत के बाद अभी तक 24 लोग कोविड-19 के पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद अब यह आशंका जताई जा रही है कि इसमें शामिल 200 के करीब लोग कोरोना के संक्रमित हो सकते हैं।
तबलीगी जमात के मरकज का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए इस पूरी घटना की निंदा की है और कहा कि सब सारे मंदिर और मस्जिद बंद हैं तो फिर ऐसे हरकत क्यों हुई।उन्होंने बताया कि मरकज से 1500 लोगों को निकाला गया है, 12 मार्च को मरकज में देश-विदेश से लोग आए थे। टेस्ट में 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, उन्हें भर्ती कराया गया है। सर्दी-जुकाम से पीड़ित 86 की हालत स्थिर है। जिस कार्यक्रम में ये लोग पहुंचे थे उसका नाम है मरकज तबलीगी जमात।
क्या है तबलीगी जमात और मरकज...



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मरकज, तबलीगी जमात, ये तीनों शब्द अलग-अलग हैं। तबलीगी का मतलब होता है, अल्लाह के संदेशों का प्रचार करने वाला। जमात मतलब का अर्थ होता है समूह और मरकज का अर्थ होता है मीटिंग के लिए जगह। अर्थात अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला समूह। तबलीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करञहैं। इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है। इस जमात के दुनिया भर में 15 करोड़ सदस्य हैं। 20वीं सदी में तबलीगी जमात को इस्लाम का एक बड़ा और अहम आंदोलन माना गया था।
यहां जानिए कैसे हुई शुरूआत ....



कहा जाता है कि 'तबलीगी जमात' की शुरुआत मुसलमानों को अपने धर्म बनाए रखने और इस्लाम का प्रचार-प्रसार के लिए की गई। इसके पीछे कारण यह था कि मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था, लेकिन फिर वो सभी हिंदू परंपरा और रीति-रिवाज में लौट गए। ब्रिटिश काल के दौरान भारत में आर्य समाज ने उन्हें दोबारा से हिंदू बनाने शुरू कर दिया, जिसके चलते मौलाना इलियास कांधलवी ने इस्लाम की शिक्षा देने का काम प्रारंभ किया।
तबलीगी जमात आंदोलन को 1927 में मुहम्मद इलियास अल-कांधलवी ने भारत में हरियाणा के नूंह जिले के गांव से शुरू किया था। इस जमात के छह मुख्य उद्देश्य बताए जाते हैं। "छ: उसूल" (कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग) हैं। तबलीगी जमात का काम आज दुनियाभर के लगभग 213 देशों तक फैल गया है।