झारखंड में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग स्वतंत्र किया जाए : मंत्री

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 06 मार्च 2020, 4:04 PM (IST)

रांची। झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने राज्य में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए अल्पसंख्यक विभाग को अलग करने की बात कही है। अंसारी ने कहा, "बिहार तथा पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अलग स्वतंत्र विभाग है, जबकि यहां इसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के पीछे लगा दिया गया है।"

अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का प्रयास है कि कब्रिस्तान की घेराबंदी हो और अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि में बढ़ोतरी की जाए। उन्होंने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कहा, "अल्पसंख्यक, खासकर मुस्लिम समाज के विद्यार्थियों में प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई के लिए जागरूकता की कमी है। अल्पसंख्यकों के बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।"

उन्होंने कहा, "मुस्लिम समाज के बच्चे 17-18 साल के होने के बाद ही अपना गांव छोड़कर काम करने बाहर चले जाते हैं और वहीं मजदूरी करने लगते हैं। मुस्लिम समाज के बच्चों में इंतजार करने की क्षमता नहीं दिखती। मदरसों में तालीम तो दी जाती है, परंतु प्रोफेशनल कोर्स को लेकर बच्चों में जागरूकता नहीं पैदा की जाती।"

उन्होंने कहा कि कई मदरसों के पास आज भी अपना भवन नहीं है। पहले चंदा कर भवन निर्माण करवा दिया जाता था।

मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के टिकट से जीतकर आए आंसारी ने कहा, "झारखंड को जिस उद्देश्य के लिए बिहार से अलग करने की लड़ाई लड़ी गई थी, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है। झारखंड का जितना विकास होना चाहिए था, वह भी नहीं हो पाया है, लेकिन इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोषी है।"

अंसारी ने कहा, "झारखंड में सबसे अधिक समय भाजपा सत्ता में रही, लेकिन कभी भी उसने विकास को लेकर पहल नहीं की। ऐसा कहें कि भाजपा ने कभी विकास को लेकर सहयोग नहीं किया।"

हालांकि, उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री रहते हुए पहले भी विकास हुआ था और इस बार भी होगा। उन्होंने कहा कि सोरेन युवा है और उमंग के साथ काम करते हैं। उनमें झारखंड के विकास को लेकर तत्परता है।

झारखंड में अल्पसंख्यकों के लिए अगले पांच साल की योजनाओं के संबंध में पूछे जाने पर अंसारी कहते हैं कि झारखंड मे अल्पसंख्यक कल्याण विभाग स्वतंत्र विभाग नहीं है, यह कल्याण विभाग के तहत आता है। कल्याण विभाग के लिए जो बजट बनता है, उसकी राशि ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दी जाती है।

उन्होंने कहा, "बिहार और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग स्वतंत्र कर दिया गया है। झारखंड में भी यह व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात भी की है।"

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक समुदाय को टारगेट करने के लिए बनाया गया है।

उन्होंने कहा, "इस कानून के माध्यम से अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिमों को निशाना बनाया गया है। इसे राज्य में लागू नहीं करने को लेकर मैंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की है।"

केंद्र सरकार द्वारा 'सीएए तो नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं है' का दावा किया जा रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रम में नहीं डालना चाहिए, विकास पर काम किया जाना चाहिए।

अंसारी ने हेमंत सरकार के पांच साल चलने का दावा करते हुए कहा कि गठबंधन में कहीं कोई मनमुटाव या विवाद नहीं है। सरकार की प्रबिद्धता लोगों से किए गए वादों को पूरा करने की है, जिस पर सरकार आगे बढ़ रही है।

--आईएएनएस

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