12 हजार लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं लघु औद्योगिक इकाईयां

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 23 फ़रवरी 2020, 3:15 PM (IST)

कुल्लू। जिले में कुल 2026 लघु एवं अति लघु औद्योगिक इकाईयां कार्यरत हैं जो 12018 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रही हैं। इन इकाईयों में फलोर मिल्ज, स्पीनिंग मिल्ज, नेचुरल स्प्रिंग वाटर, सोडा, पैट बाॅटल्ज, बिवरेजिज, कोरूगेटिड बाॅक्स, वूलन शाॅल, वुड बेसड उद्योग, वूलन रेडिमेड गारमेन्टस तथा फल विधायन प्रमुख हैं। इनका कुल पूंजी निवेश 72.87 करोड़ रूपये का है।

उद्योग विभाग के पास किसी इकाई का स्थाई पंजीकरण होने और इकाई में उत्पादन शुरू होने के बाद वह इकाई सभी प्रकार के प्रोत्साहनों के लिए पात्र हो जाती है। इनमें पूंजी निवेश अनुदान प्रमुख है। इकाई में कार्यरत कर्मियों में कम से कम 70 प्रतिशत हिमाचली होने जरूरी है।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम चलाया गया है। कुल्लू जिले में इस कार्यक्रम के तहत पिछले दो सालों के दौरान 93 मामलों को स्वीकृत करके लगभग दो करोड़ की राशि वितरित की गई।

हथकरघा बुनकरों के लिए महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना आरंभ की गई हैं जिसमें बुनकर को 330 रुपये के कुल प्रीमियम में से 80 रुपये का अंशदान देना होता है। जीवन बीमा योजना के अंतर्गत प्राकृतिक मृत्यु पर बुनकर के आश्रित को 60 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना व मृत्यु पर डेढ़ लाख रुपये दिए जाते हैं। बुनकरों केे बच्चों को 9वीं से जमा दो तक की कक्षाओं में पढ़ाई के लिए एक सौ रुपये प्रति माह छात्रवृति भी प्रदान की जाती है। दो वर्षों के दौरान 1750 बुनकरों का बीमा करवाया गया है।

बुनकर क्रेडिट योजना के तहत बुनकरों को बैंकों के माध्यम से 50 हजार से पांच लाख रुपये तक की ऋण सुविधा प्रदान की जा रही है। 16 बुनकरों को 22 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। जिला के शमशी में 83 बीघा भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है। इसमें 44 प्लाट, 12 शैड व 16 दुकानें है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में 34 इकाईयां कार्यरत है। जिनमें 17.20 करोड़ रुपये के निवेश हैं और 460 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में स्पिनिंग मिल, फलोर मिल्स, वुडन व स्टील व फर्नीचर इत्यादि की इकाईयां कार्य कर रही हैं।

ग्रामीण इन्जीनियरिंग बेसड ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति से संबंधित बीपीएल परिवार के बेरोजगार युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। नौ माह का प्रशिक्षण प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाईयों के माध्यम से दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थी को 2400 रुपये मासिक छात्रवृति एवं प्रशिक्षण संस्थान को 500 रुपये प्रति लाभार्थी सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत सात हजार रुपये की टूल किट मुफ्त में देने का प्रावधान है।

लाभार्थी अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत भी आवेदन कर सकता है। पिछले दो सालों में 43 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और इस पर 9.16 लाख रुपये व्यय किए गए हैं। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत जिले में बीते दो सालों में लगभग 26 करोड़ रुपये के 119 मामले स्वीकृति किए गए हैं। 53 मामलों में 2.83 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे