महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है धूमधाम से, इस प्रकार करें भगवान शिव को प्रसन्न

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020, 08:42 AM (IST)

नई दिल्ली। पूरे देश में आज महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर सहित कई मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत और पूरे विधि विधान से भगवान शंकर की पूजा करते हैं। इस महाशिवरात्रि पर ऐसे विशेष संयोग बन रहा है । इससे उन लोगों को मिलेगा विशेष लाभ जो लोग अब तक मनचाहे वर की तलाश में हैं।

यहां देखें , महाशिवरात्रि का महत्व.....

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता रहा है। ऐसी माना जाता है कि इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस दिन व्रत , उपवास , मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। चतुर्थी तिथि 21 फरवरी को शाम 5 बजकर 20 मिनट से
22 फरवरी 2020 को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक होगा। रात्रि प्रहर की पूजा का समय: 21 फरवरी को शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक

इस प्रकार करें शंकर भगवान प्रसन्न:


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- शिव रात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं।

- केसर के 8 लोटे जल के शिवलिंग पर चढ़ाएं।

- शिव मंदिर में पूरी रात्रि का एक दीपक भी जलाएं।

- भगवान शंकर के चंदन का तिलक भी लगाएं।

- तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाना चाहिए। सबके बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद भी बांटना चाहिए।

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- पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप भी करना चाहिए।

चतुर्दशी तिथि भगवान शिव की ही तिथि मानी जाती है। चतुर्दशी तिथि को ही शिवरात्रि होती है। शिवरात्रि का व्रत रखने वाले अगले दिन 22 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक पारण कर सकते हैं।

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