श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जम्मू एवं कश्मीर में 12500 से अधिक खाली पंचायत सीटों के लिए उपचुनाव को स्थगित करने का स्वागत किया है। पीडीपी नेता फिरदौस टाक ने आईएएनएस को बताया कि पंचायत चुनाव कराने से राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली नहीं हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस समय पंचायत चुनाव कराना एक निरर्थक कवायद है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कवायद सत्तारूढ़ भाजपा को आसानी से जीतने देने के लिए थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रक्रिया का कोई विकल्प नहीं है। लेकिन राजनीतिक प्रक्रिया तब तक संभव नहीं है, जब तक आप असंतोष को राजद्रोह मानना बंद नहीं कर देते।
जम्मू एवं कश्मीर में पंचायत उपचुनाव तब स्थगित कर दिए गए, जब पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित राजनीतिक दलों ने कहा कि पार्टी के आधार पर पंचायत चुनाव कराने की शर्त हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई है।
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जम्मू एवं कश्मीर में पंचायत चुनाव आखिरी बार 2018 में हुए थे, जिनका
पीडीपी और नेश्नल कॉन्फ्रेंस ने बहिष्कार किया था। चुनाव की घोषणा ऐसे समय
में की गई जब तीनों पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और
महबूबा मुफ्ती- पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद
से हिरासत में हैं। वे पहली बार सीआरपीसी 107 और 155 के तहत हिरासत में लिए
गए थे। छह फरवरी को महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए लगा
दिया गया।