चिकित्सा एवं सामाजिक कल्याण की योजनाओं सेे आमजन को दिलाये लाभ : शासन सचिव

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 17 फ़रवरी 2020, 6:53 PM (IST)

जयपुर। स्थायत शासन विभाग के शासन सचिव एवं अजमेर जिला प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा ने कहा है कि उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी प्रशासन की रीढ़ की हड्डी होते है। वे चिकित्सा एवं सामाजिक कल्याण की योजनाओं से आमजन को संवेदनशीलता एवं मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अधिकाधिक लाभ दिलाते हुए राज्य सरकार एवं जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें।

देथा सोमवार को अजमेर के कलक्ट्रेट परिसर स्थित राजीव गांधी सेवा केन्द्र में विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीणों एवं आमजन को राहत पहुंचाने के लिए अनेक फ्लेगशिप योजनाएं चलायी है। अधिकारी उन योजनाओं की जानकारी रखें तथा लोगों को उन योजनाओं में मानवीयता के साथ राहत प्रदान करें। वे आमजन की बिजली, पानी एवं मूलभूत सुविधाओं संबंधी समस्याओं को तत्काल दूर करने का प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी प्रशासन की रीढ़ की हड्डी होते है। वे ग्रामीण क्षेत्रों का अधिकाधिक भ्रमण करें तथा रात्रि चौपाल एवं जन सुनवाई के माध्यम से लोगों को समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें। साथ ही चिकित्सालयों में मरीजों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई ना हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा जायें। उन्होंने कहा कि राजस्थान सम्पर्क पर दर्ज प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ निस्तारण किया जायें तथा पोर्टल पर सही सूचना दर्ज की जायें। उन्होंने जिले में राजस्थान सम्पर्क पर दर्ज प्रकरणों के निस्तारण में अच्छे कार्य के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा भी की।

प्रभारी सचिव ने कहा कि उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं विकास अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यो के प्रभावी निरीक्षण तथा रात्रि चौपालों का आयोजन करें तथा लोगों की समस्याओं को निपटायें। वे उनको पोर्टल पर दर्ज भी करें। उन्होंने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी निर्देश दिये कि वे विकास अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों के निरीक्षण में ध्यान रखने वाले बिन्दुओं का प्रपत्र तैयार करवायें। अधिकारी भी नियमित रूप से सम्पर्क पार्टल को देखें।

उन्होंने कहा कि एनएफएसए में कोई प्रकरण बकाया नहीं रहे। विकास अधिकारी उन्हें दस दिवस में निस्तारण कर शून्य करें। उपखण्ड स्तर पर होने वाली जन अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठकों को प्रभावी बनाया जाये। इसमें अधिकारी समन्वय से कार्य करें । एक वर्ष से अधिक समय से पैंडिंग सम्पर्क के प्रकरणों को प्राथमिकता से निस्तारित किया जायें। उन्होंने कहा कि पंचायत सहायकों के माध्यम से भी आई टी का प्रशिक्षण देकर समस्त प्रमुख योजनाओं के पोर्टल को अपडेट किया जाये। उन्होंने पेयजल अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि वे कन्टीजेन्सी प्लान के तहत आने वाली गर्मियों में टैंकरों के लिए टेण्डर प्रक्रिया अभी से कर लें ताकि गर्मी में किसी क्षेत्र में कठिनाई नहीं हो। विभाग नियंत्रण कक्ष में प्राप्त शिकायतों को भी समयबद्धता के साथ निस्तारित करें।

देथा ने बताया कि शीघ्र ही सरकार प्रशासन गांवों के संग तथा प्रशासन शहरों के संग अभियान चलायेगी। इसके लिए अभी से तैयारी प्रारंभ कर दी जायें। ग्रामीण क्षेत्रों में जिला स्तरीय अधिकारियों को पंचायतों का प्रभावी बनाकर कार्य करवाया जाये वहीं शहरी क्षेत्र में डीडीआर के माध्यम से समस्याओं के समाधान के लिए मोनिटरिंग की जायें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी महानरेगा योजना के तहत पंचायतवार मोनिटरिंग की जाकर सभी श्रमिकों को रोजगार दिलाने के प्रयास हो। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के विभिन्न योजनाओं एवं पैंशन के प्रकरणों का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि पैंशन प्रकरणों के भौतिक सत्यापन का कार्य भी शीघ्र किया जायें। कोई भी पात्र व्यक्ति पैंशन पाने से वंचित नहीं रहें।

इस मौके पर जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने सभी अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों का प्रभावी निरीक्षण करने तथा कमियां पायी जाने पर अधीनस्थ अधिकारियों को अवगत करा तत्काल दूर करने के निर्देश दिये। उपखण्ड अधिकारी अपने अधीनस्थ पटवारी एवं ग्रामसेवक को एक्टिव करें। महानरेगा के कार्यो की मोनिटरिंग करें। एनएफएसए की बकाया सूची को तत्काल शून्य करें वहीं सतर्कता समिति के प्रकरणों का समाधान करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग में जन घोषणा पत्र की प्रति उपलब्ध रहे। क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए समय समय पर सीएलजी की बैठकों का आयोजन करें।

उन्होंने कहा कि पैंशन के बकाया प्रकरणों का आगामी 15 दिवस में विकास अधिकारी सत्यापन कर रिपोर्ट करें। प्रत्येक पात्र व्यक्ति को पैंशन मिलना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि निरोगी राजस्थान अभियान के तहत उपखण्ड स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन कराया जा रहे है। जिसमें घूंघट प्रथा हटाने एवं अन्य चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

इस मौके पर अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव अग्रवाल, नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल, उपखण्ड अधिकारी अर्तिका शुक्ला एवं नित्या के. सहित समस्त विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। वहीं उपखण्ड स्तर पर समस्त उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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