महाराष्ट्र: काेरेगांव हिंसा का मामला NIA को सौंपने से NCP नाराज, शरद पवार ने बुलाई मंत्रियों की बैठक

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 17 फ़रवरी 2020, 11:00 AM (IST)

मुंबई। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच खींचतान बढ़ती ही जा रही है। इसका मुख्य कारण भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने के मामला बताया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने एनपीआर भी एक मई से लागू करने के निर्णय से भी नाराज बताया जा रहा है। इसी बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने उद्धव सरकार के निर्णय पर नाखुशी जाहिर करते हुए आज पार्टी के सभी 16 मंत्रियों की बैठक बुलाई है।



एनसीपी चीफ शरद पवार ने कोल्हापुर में एक रैली के दौरान मोदी सरकार पर जांच को राज्य से वापस अपने हाथ में लेने का आरोप लगाया था। शरद पवार का कहना था कि भीमा कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र सरकार कुछ एक्शन लेने वाली थी, इसलिए केंद्र ने एल्गार परिषद के मामले को अपने हाथ में ले लिया। कानून व्यवस्था पूरी तरह से राज्य के हाथ में होनी चाहिए, लेकिन हैरानी वाली बात है कि राज्य सरकार ने केंद्र के इस निर्णय का पुरजोर विरोध नहीं किया। एल्गार परिषद केस की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भीमा कोरेगांव मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भेजने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद देता हूं। शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।

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इसके साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर भी शिवसेना और एनसीपी के बीच खींचतान बनी हुई है। दरअसल, उद्धव सरकार ने 1 मई से राज्य में एनपीआर प्रक्रिया को शुरू करने की तैयारी कर दी है। मई ही केंद्र की ओर से दी गई तारीख है. हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी ने साफ कह दिया है कि हम एनपीआर का भी विरोध कर रहे हैं।



एल्गार परिषद केस की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार एसआईटी गठन करना चाहती है।एनसीपी नेता और गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि एल्गार परिषद केस की जांच के लिए एसआईटी गठन करने को राज्य सरकार कानूनविदों की सहायता ले रही है। पुणे की एक कोर्ट के आदेश पर महाराष्ट्र सरकार ने केस की जांच एनआईए को दे दी है। फिर भी महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि इस मामले के लिए एसआईटी का गठन किया जाए।