नई दिल्ली। भारत के मौसम विभाग ने अपनी भविष्यवाणियों और अनुमानों को सटीक बनाने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है। पिछले पांच वर्षों के दौरान गंभीर मौसम की घटनाओं के सटीक अनुमान में विभाग ने 15 फीसदी से वृद्धि करते हुए 35 फीसदी तक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग में अभी 27 डॉपलर मौसम रडार देशभर में कार्यरत हैं।
इनमें सोनमर्ग और जम्मू एवं कश्मीर में एक पोर्टेबल डीडब्ल्यूआर भी शामिल है, जो अमरनाथ यात्रा के लिए स्थापित किया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) शनिवार को अपना 145वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। स्थापना दिवस से पहले मौसम विभाग ने बताया कि भविष्यवाणियों में सुधार लाने के लिए 13 रेडियो विंड स्टेशन 2019 में चालू किए गए थे।
इन स्टेशनों की कुल संख्या अब 43 से बढक़र 56 हो गई है, जो दिन में दो बार आरोहण में सक्षम हैं। दृष्टि प्रणाली वाले तीन ट्रांसमिसोमीटर कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और भुवनेश्वर में स्थापित किए गए हैं, इससे ट्रांसमिसोमीटरों -आरवीआर (दृष्टि प्रणाली) की कुल संख्या 44 हो गई है।
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2019 के लिए अखिल भारतीय गंभीर मौसम अनुमान में 2002-2018 की तुलना में
काफी सुधार हुआ है। इसी तरह 2019 में ट्रैक पूर्वानुमान कौशल में काफी हद
तक सुधार हुआ है। मौसम विभाग ने आम जनता के लिए वेबसाइट और एग्रोमेट
एडवाइजरी सेवाओं के लिए मोबाइल ऐप मेघदूत की शुरुआत की है। आईआईटीएम के
सहयोग से एक वेबपेज, वेब एप्लिकेशन और मोबाइल एप्लिकेशन चालू मौसम की
जानकारी के साथ-साथ 2019 के दौरान कुंभ मेला के लिए मौसम का अनुमान उपलब्ध
कराने के लिए विकसित किए गए थे।