पटना। बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर बालिका आश्रयगृह में घटी घटनाओं से सीख लेते हुए अब आश्रय गृह (शेल्टर होम) खुद चलाने का फैसला किया है। समाज कल्याण विभाग अब राज्य के 12 जिलों में जमीन अधिगृहित कर जल्द ही आश्रय गृह बनाने की प्रक्रिया शुरू करने वाला है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभ में 12 जिलों में आश्रय गृह बनाए जाएंगे। इसके लिए 500 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
सूत्रों का दावा है कि कई जिलों में भूमि अधिग्रहण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। आश्रय गृह पूरी तरह अत्याधुनिक होंगे, बल्कि यहां रहने वालों को भी सारी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अधिकारी ने बताया कि प्रारंभ में आश्रय गृह का निर्माण सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली, गोपालगंज, बक्सर, गया, भागलपुर, पूर्णिया, भोजपुर, शिवहर, गोपालगंज में होगा। प्रत्येक आश्रयगृह पांच एकड़ की भूमि पर बनाया जाएगा, जिसमें 200 बच्चों को उम्र के हिसाब से अलग-अलग खंडों में रखा जाएगा।
इसमें लडक़े, लड़कियों को अलग-अलग रखने की व्यवस्था होगी। समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया कि 12 जिलों में जमीन अधिग्रहण की रिपोर्ट मांगी गई है। इस आश्रय गृह योजना का नाम मुख्यमंत्री वृहद आश्रय गृह होगा। इस गृह का निर्माण कार्य अप्रैल से प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। इन आश्रय गृह में बच्चों को स्वावलंबी बनाने के लिए कौशल विकास के तहत अलग-अलग तरह के प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। इनमें सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी लगाए जाएंगे तथा बाहरी दीवार 12 फुट ऊंची और अंदर 15 फुट ऊंची दीवार बनाई जाएगी।
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इन आश्रय गृह में शिक्षक के साथ ही 24 घंटे एक डॉक्टर मौजूद रहेगा। इस
परिसर में ही स्टाफ क्वार्टर का भी निर्माण किया जाएगा। समाज कल्याण मंत्री
राम सेवक सिंह ने कहा कि सरकार के लिए मुजफ्फरपुर की घटना के बाद सतर्कता
बेहद जरूरी है और इसी कारण सरकार ने यह कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक,
समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल कुमार के दिशा-निर्देश पर इस
संबंध में जिलाधिकारियों को 15 मार्च तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने का
निर्देश दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि इन आश्रय गृहों में बच्चों की
पढ़ाई के लिए शिक्षक होंगे, जबकि खेलकूद के मैदान और सामग्रियां उपलब्ध
होंगी। इसमें अलग से पुस्तकालय की भी व्यवस्था रखने का प्रावधान किया गया
है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में आश्रय गृह का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं
द्वारा किया जाता था।
ऐसा ही एक आश्रय गृह मुजफ्फरपुर में सेवा संकल्प एवं
विकास समिति नामक एक संस्था चलाती थी, जहां बालिकाओं के यौन शोषण का मामला
सामने आया। इस मामले में अदालत ने संस्था के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित 19
आरोपियों को दोषी पाया। ब्रजेश ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
(IANS)