आजमगढ़ में पीड़ितों से मिलने के बाद प्रियंका बोलीं, सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 12 फ़रवरी 2020, 08:57 AM (IST)

आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस की पिटाई में घायल हुए लोगों से कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुलाकात की। इस दौरान मुस्लिम महिलाओं उनकी साथ की गई पुलिस कार्रवाई के बारे में अवगत कराया गया। इस दौरान उनके साथ यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू मौजूद थे।
इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि आप सभी के साथ गलत हुआ है और हमें इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना होगा। यह सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि तमाम बच्चों को जेल में डाला गया और भयानक धाराएं लगाई गई हैं। उनको छोड़ा नहीं जा रहा है इनके एक मौलाना साहब है, जिन्हें जेल में डाला गया, जबकि वो हमेशा अहिंसा की बात करते हैं। मुझे तो यह लगता है कि पुलिस ने इनके साथ बहुत नाइंसाफी की है।”

आपको बताते जाए कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी (SP) का एक मजबूत गढ़ माना जाता है। इसमें आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ रैली में पुलिस पिटाई में घायल प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की हैं। आगमगढ़ जाने के दौरान रास्ते में में नेशनल इंटर कॉलेज पेनड्रा में शिक्षकों व छात्रों से मिलीं। शिक्षकों ने उनको अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया।




ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

कांग्रेस अब अखिलेश यादव के गढ़ में सियासी सेंधमारी करने का प्रयास कर रही है। प्रियंका दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी गई थीं। दिल्ली के शाहीन बाग की ही तरह आजमगढ़ के मौलाना जौहर पार्क बिलरियागंज में सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन चल रहा था। बीते दिनों आंदोलनकारियों को पुलिस ने खदेड़ दिया था। इसके साथ ही कई प्रदर्शनकारियों पर मुकदमे दर्ज किए गए और कई को जेल में बंद कर दिया गया। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने जेल में बंद प्रदर्शनकारियों से भी मुलाकात भी की थी।



प्रदर्शनकारियों पर पुलिस बर्बरता के खिलाफ प्रियंका गांधी वाड्रा बीते दिनों राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) पहुंची थीं। इस शिकायत पर एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक नोटिस भी जारी किया था। प्रियंका ने यूपी पुलिस पर प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर अत्याचार का आरोप लगाया था। आयोग ने यूपी सरकार को नोटिस का जवाब देने के लिए छह हफ्ते का समय दिया है।