Shikara Review:विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म शिकारा में कश्मीरी पंडितों के दर्द को बखूबी चित्रित किया

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 07 फ़रवरी 2020, 2:52 PM (IST)

निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा में कश्मीरी पंडितों को बखूबी से चित्रित किया है, जिन्हें अपने ही देश में रिफ्यूजी की तरह रहना पड़ रहा है। फिल्म शिकारा उसी दर्द को एक प्रेम कहानी के माध्यम से बताने के प्रयास में सफल होती नजर आती है। ये कहानी है शिव कुमार धर और उसकी पत्नी शांति धर की, जो पंडित हैं और कश्मीर में शांत और खुशहाल जिंदगी बिता रहे थे। ये समय 80 के दशक के अंत का है जहां घाटी में धीरे-धीरे सांप्रदायिक तनाव ने अपनी जगह बना ली थी। शिव और शांति को अपनी जिंदगी, अपनी जीवनभर की कमाई से बनाया घर और सुख को छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा।

अभिनय...

फिल्म शिकारा के अभिनेता आदिल खान (शिव) और सादिया (शांति) ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है। इन दोनों का काम बहुत ही अच्छा है।

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शिव कुमार धर के किरदार में आदिल खान ने जान डाल दी है। शिव एक टीचर है जो श्रीनगर के अमर सिंह कॉलेज में बच्चों को पढ़ाने का कार्य करते हैं। उनका अपने आसपास होती चीजों को देख सहम जाना, उनके आंसू, उनकी खुशी और शांति के उनका प्यार आपके दिल के अंदर तक पहुंंचा देता है। शांति के रोल में सादिया ने भी उमदा अभिनय किया है। इसके अलावा फिल्म में प्रियांशु चटर्जी संग अन्य सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी अपने किरदारों को अच्छे से निभाया है।

निर्देशन....

डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा, अभिजात जोशी और राहुल पंडिता ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को बड़ी बखूबी से दर्शाया है।

इन्होंने अच्छा निर्देशन किया है। इस फिल्म को देखने से ऐसा लगता है कि कैसे अपने वतन को छोड़ना एक इंसान के लिए मुश्किल होता है, कैसे आपके दिन और साल बदलते हैं लेकिन पुरानी यादें और पुरानी बातें आपको बार-बार आकर कचोटती रहती है।