कोरोना वायरस : वुहान से लौटे 324 भारतीय, दिल्ली-हरियाणा में बने कैंप में रहेंगे दो सप्ताह

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 01 फ़रवरी 2020, 8:13 PM (IST)

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे के बीच चीन में रह रहे भारतीय छात्र व कुछ अन्य नागरिक शनिवार सुबह भारत वापस आ गए। एयर इंडिया के विशेष विमान से 324 भारतीय, चीन से वापस लौटे हैं। भारत सरकार ने चीन से आने वाले सभी भारतीयों को दिल्ली के छावला व हरियाणा के मानेसर कैंप में ठहराने का इंतजाम किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, चीन से लौटे इन सभी लोगों को कम से कम दो सप्ताह तक शेष भारतीय नागरिकों से अलग रखने का फैसला किया गया है।

भारत सरकार के इसी फैसले के तहत चीन से लौट रहे सभी भारतीयों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की बाहरी दिल्ली स्थित छावला की एक इमारत और हरियाणा के मानेसर में इंडियन आर्म फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन के वुहान प्रांत से लौटे 220 भारतीयों को मानेसर स्थित आम्र्ड फोर्स सर्विसेज सेंटर में रखा गया है। शेष 104 अन्य व्यक्तियों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस के दिल्ली स्थित कैंप में रखा गया है।

इससे पहले चीन के वुहान प्रांत से इन सभी भारतीयों को एयर इंडिया के एक विशेष विमान से शनिवार सुबह दिल्ली लाया गया। कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रमण चीन के वुहान प्रांत में फैला है। वुहान से कोरोना वायरस का यह संक्रमण अब चीन के 30 अलग-अलग राज्यों में फैल चुका है। वुहान ही चीन का वह राज्य है, जहां अधिकांश भारतीय छात्र व अन्य नागरिक फंसे हुए हैं। शनिवार को स्वदेश लौटे अधिकांश भारतीयों में सबसे ज्यादा संख्या छात्रों की ही है।

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दिल्ली और हरियाणा में बने अस्थाई कैंप में ले जाने से पहले चीन से आने वाले सभी भारतीयों की पहले चीन में और फिर दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट के अंदर ही गहन जांच की गई, जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग भी शामिल रही। इसके बाद चीन से लौटे इन सभी भारतीयों को विशेष वाहनों से छावला व मानेसर ले जाया गया। छावला और मानेसर के इन कैंपों में चीन से लौटे भारतीयों को विशेषज्ञ एवं चिकित्सा दल की सघन निगरानी में रखा गया है।

चीन के वुहान प्रांत से आए इन सभी छात्रों व अन्य भारतीयों को दो सप्ताह तक की एकांत में ठहराने की व्यवस्था की गई है। इस दौरान चीन से आए ये सभी लोग अपने परिवार समेत किसी भी अन्य व्यक्ति से नहीं मिलेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि चीन से आए किसी भी भारतीय नागरिक के शरीर में संक्रमण का कोई वायरस मौजूद रहा तो इन दो सप्ताह के दौरान उस वायरस की पहचान रोकथाम और उपचार किया जा सकेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों के मामले पर चीन की सरकार के साथ लगातार संपर्क में है और जल्द ही भारत लौटने के इच्छुक अन्य नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा।

(IANS)