नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के चार दोषियों को फांसी लगने के लगभग
12 घंटे पहले दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल प्रशासन से इन
दोषियों को अगले आदेश तक फांसी नहीं देने को कहा।
अतरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने आदेश पारित करते हुए कहा कि फांसी
को अगले आदेश तक के लिए टाला जाता है। पटियाला
हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ जारी मौत के वारंट को निष्पादित नहीं करने का निर्देश दिया। इन चारों को शनिवार सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी।
सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल ने कोर्ट में बताया
कि आप चाहें तो 1 फरवरी को तीन दोषियों को फांसी दी जा सकती है। वहीं निर्भया
पक्ष के वकील ने बताया कि दोषी फांसी से बचने के हथकंडे अपना रहे हैं।
उन्होंने भी तिहाड़ के तीन को फांसी वाले बयान का समर्थन किया।
कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी भावुक हो गईं। आशा देवी ने कहा कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चैलेंज करते हुए कहा कि दोषियों को कभी फांसी नहीं होगी। मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। सरकार को दोषियों को फांसी देनी होगी।
इससे पहले निर्भया दुष्कर्म और हत्याकांड के एक दोषी पवन ने फांसी पर लटकाए जाने के एक दिन पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी सजा की समीक्षा करने के लिए एक याचिका दायर कर दी है। निर्भया केस में दोषी पवन गुप्ता ने जुवेनाइल याचिका को खारिज करने पर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन फाइल किया।
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आपको बताते जाए कि निर्भया रेप एंड मर्डर के दोषी अक्षय की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रद्द कर दी थी। निर्भया कांड में सजायाफ्ता मुजरिमों में से अब एक और विनय कुमार शर्मा ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है। विनय द्वारा दया याचिका भेजे जाने की पुष्टि उसके वकील डॉ. ए.पी. सिंह ने की। उल्लेखनीय है कि जब सजा-ए-मौत को अमल में लाए जाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई तो, तो आरोपी भी अपने बचाव में हर संभव कदम उठा रहे हैं। उनके जो भी कानूनी अधिकार हैं, उन्हें वो इस्तेमाल कर रहे हैं।