CAA के प्रदर्शनों पर बोले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब, युवाओं की संविधान में आस्था दिल छूने वाली

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 23 जनवरी 2020, 10:39 PM (IST)

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने इशारों-इशारों में मोदी सरकार को बड़ी नसीहत दे दी। कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे मुखर्जी ने विरोध प्रदर्शनों पर कहा कि देश में शांतिपूर्ण आंदोलनों की मौजूदा लहर एक बार फिर हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाएगी।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने अपने व्याख्यान में संशोधित नागरिकता कानून पर देश में जारी विरोध प्रदर्शनों की तरफ इशारा करते हुए सरकार को एक तरह से बहस और चर्चा की नसीहत देते हुए कहा कि आम सहमति लोकतंत्र की जीवनदायिनी है। लोकतंत्र सुनने, विचार-विमर्श करने, चर्चा करने, बहस करने और यहां तक कि असहमति से पनपता है और निखरता है। उन्होंने कहा कि उनका साफ मानना है कि देश में जारी शांतिपूर्ण आंदोलनों की मौजूदा लहर एक बार फिर से हमारे लोकतंत्र की जड़ों को और गहराई और मजबूती देगी।पूर्व राष्ट्रपति ने भारत के निर्वाचन आयोग की तरफ से आयोजित पहले सुकुमार सेन स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र के दो मूल तत्व हैं। जाति और समुदाय के आधार पर मतदाताओं का बंटवारा ध्रुवीकृत बहुमत तैयार करता है, जो सही नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा भारतीय लोकतंत्र में निहित आत्मसात करने की शक्ति ने सफलतापूर्वक कई अलगाववादी आंदोलनों को नाकाम किया है और सफल चुनावों ने विभिन्न समूहों को चुनावी मुख्यधारा में सफलतापूर्वक शामिल किया है।

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