निशा शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे महम के आज़ाद विधायक बलराज कुंडू इन दिनों गुस्से में हैं। कुंडू चाहते हैं कि पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ उनकी तरफ से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराई जाए। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। अपने खिलाफ दर्ज हुए साढ़े दस करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले को भी उन्होंने ग्रोवर की साजिश करार दिया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद वे महम के लोगों के साथ गिरफ्तारी देने रोहतक के पुलिस लाइन थाने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। करीब दो घंटे तक उनके समर्थकों ने थाने के बाहर धरना भी दिया। इस मामले में भी कुंडू की चेतावनी है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए या फिर उनके खिलाफ दर्ज झूठी एफआईआर रद्द की जाए। इस मुद्दे पर उन्होंने निर्दलीय विधायकों के साथ भी बैठक कर अपनी आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया है।
सवाल: आपने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए मनोहर सरकार से समर्थन वापस लेने की चेतावनी दी है, आप क्या चाहते हैं?
जवाब: मेरी यह मांग है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर केस दर्ज कर उन्हें अंदर डाला जाए। इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक महीने का समय दिया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो सरकार से अपना समर्थन वापस ले लूंगा।
सवाल: आपके समर्थन वापस लेने से हरियाणा सरकार पर क्या कोई फर्क पड़ेगा?
जवाब: मैंने ईमानदार मुख्यमंत्री को समर्थन दिया था। भ्रष्टाचार के आरोपी को सरंक्षण देने वालों को नहीं, मेरे समर्थन वापस लेने से कोई फर्क पड़े या नहीं, लेकिन ग्रोवर पर कार्रवाई नहीं हुई तो तय है कि मैं समर्थन वापस ले लूंगा।
सवाल: आपके आरोप क्या हैं?
जवाब: पानी की पाइपों की खरीद में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया। करोड़ों रुपए का शीरा घोटाला है। दो नई चीनी मिलें बनाने में सस्ती दरों का टेंडर लगाने वाली कम्पनी को बाहर करवा कर दो अन्य कंपनियों से सांठ-गांठ कर करोड़ों का घोटाला है। कैथल शूगर मिल में गन्ने की तुलाई का करोड़ों का घोटाला है। पानीपत चीनी मिल में मेंटिनेंस के नाम पर करोड़ों का घोटाला है। अपने परिवार के लोगों को शराब की सप्लाई का ठेका दिलवाने का करोड़ों का घोटाला है। मेरे पास इस मुंशी लाल के घोटालों का एक बड़ा लम्बा-चौड़ा पुलिंदा है।
सवाल: आप क्या मानते हैं कि जांच क्यों नहीं हो रही है?
जवाब: पता नहीं कि मुख्यमंत्री इससे डरते हैं या यह कुछ ज्यादा ही पावरफुल है।
सवाल: आप पर धनखड़ बंधुओं ने साढ़े दस करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई है, यह क्या मामला है?
जवाब: देखिए, यह सारी चीजें पिछले दो साल से चल रही हैं। धनखड़ बंधु प्रेस काॅन्फ्रेंस करके पहले कह चुके हैं कि उनका कोई झगड़ा नहीं है, उन्हें बहकाया गया था, बहकाने पर ही उन्होंने मेरे पर लांछन लगाए थे, मेरी तरफ किसी का कोई पैसा बकाया नहीं है।
सवाल: कौन बहका रहा है उन्हें?
जवाब: मैंने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा लोगों के सामने रखा है। यह पूरा चिट्ठा सीएम विंडो पर भी दिया गया था। ग्रोवर ने सीधे-सीधे अपने पद का दुरूपयोग किया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सवाल: पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने इन आरोपों से इनकार किया है कि आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने में उनका हाथ है, आपके हिसाब से क्यों वे ऐसा कर रहे हैं?
जवाब: मैंने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की है, मेरी आवाज़ दबाने के लिए वे झूठ का सहारा ले रहे हैं। झूठी एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन मैं दबने वालों में से नहीं हूं।
सवाल: आप तो गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे थे, थाने के बाहर धरना भी दिया था।
जवाब: एफआईआर दर्ज होने के बाद मैं अपने साथियों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से गिरफ्तारी देने गया था, मैंने कहा कि मुझे गिरफ्तार करो या फिर तीन दिन के भीतर फर्ज की गई झूठी एफआईएआर को रद्द करो, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया।
सवाल: आपकी इस दौरान पुलिस अफसरों से क्या बात हुई?
जवाब: यही कि एफआईआर झूठी है, मुझ पर दबाव बनाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी आवाज़ को बंद करने का षड्यंत्र है, मैंने अपनी बात रखी थी, मुझे भरोसा दिलाया गया कि वहीं किया जाएगा, जो ठीक होगा।
सवाल: आपने आज़ाद विधायकों के साथ भी बैठक की है, इसका क्या मकसद था?
जवाब: कुछ नहीं, हम लोग आपस में मिले थे, जिस तरह भाजपा के विधायक मिलते हैं, जजपा के विधायक मिलते हैं, इसी तरह हम आज़ाद विधायक भी मिले थे, आपस में विचार विमर्श होता रहता है। इस बैठक में मेरे खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर भी बातचीत हुई थी।
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