जयपुर जिले का पूरा राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 16 जनवरी 2020, 8:27 PM (IST)

जयपुर। जयपुर जिले ने सर्वाधिक 17 तहसीलें होने के बावजूद सबसे तेज गति से अपना सारा राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने में सफलता हासिल की है। यहां तक कि जिला मार्च 2019 में राजस्थान के 33 जिलों में अंतिम पायदान पर था, परन्तु आज जिले की सम्पूर्ण 17 तहसीले ऑनलाईन अधिसूचित हो चुकी हैं और अब जयपुर जिला सबसे ऊपर प्रथम पायदान पर आ गया है।

जिला कलक्टर डॉ.जोगाराम ने इस सफलता पर इस परियोजना में लगे सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सराहना करते हुए बताया कि यह सफलता भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ‘‘डिजीटल इन्डिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के सन्र्दर्भ में प्राप्त की गई है जिसमें राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटल कर ऑनलाईन किया जाता है। इससे काश्तकार सीधे घर बैठे ई-धरती (अपना खाता) पर अपना राजस्व रिकॉर्ड को देख सकता है और उसे बार-बार राजस्व कर्मचारियों के पास जाने की जरूरत नहीं होगी।

जिला प्रशासन में इस परियोजना की कमान संभाल रहे अतिरिक्त जिला कलक्टर चतुर्थ अशोक कुमार ने बताया कि सभी तरह के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाईन होने के कारण आम आदमी को किसी भी तरह का कार्य जिसमें राजस्व रिकॉर्ड संलग्न करना हो, वह आसान हो जायेगा। सेग्रीगेशन होने के बाद किसी भी आदमी के पास गांव में कितनी भूमि है, एक ही जगह से मालूम चल जाएगा तथा सीमांत काश्तकार, लघु काश्तकार व वृहद काश्तकार का भी आसानी से मालूम चल सकता है। इससे किसी भी तरह की आपदा या अतिवृष्टि में राजस्व कर्मचारिओं एवं अधिकारियों को रिपोर्ट बनाने व आकलन करने में भी आसानी रहेगी।

उन्होंने बताया कि डीआईएलआरएमपी सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम है। जयपुर जिले के ऑनलाईन होने के पश्चात् सभी किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। इससे किसान घर बैठे अपने अपने खाते में देख सकता है कि उसके खाते में कितनी भूमि है? कितने खसरा नम्बर हैं? किस-किस खसरा नम्बर में कितनी भूमि है? तथा साथ ही नक्शा उपलब्ध होने से यह भी देख जा सकता है कि प्रत्येक खसरा नम्बर की कितनी लम्बाई व चौड़ाई है। इससे उसे बार-बार सीमाज्ञान करवाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी तथा इससे यह भी मालूम हो जाएगा कि नक्शे में जो माप खसरा नम्बर की है वहीं मौके पर भी है या नहीं, वह किसान स्वयं भी माप कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। इस कार्य के लिए बार-बार राजस्व कर्मचारियों के पास जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। पहले अपने छोटे-छोटे कार्य के लिए किसान को राजस्व कर्मचारियों व अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन किसान अब घर बैठे ही या नजदीकी ई-मित्र पर जाकर अपने रिकॉर्ड की जानकारी ले सकता है।

नक्शे एवं जमाबंदी में खसरों में रहेगी समानता:
इस कार्य के लिए राजस्व रिकॉर्ड को सेग्रीगेट किया गया जिससे हर काश्तकार का अपना खाता अलग-अलग हो गया है। इससे जमाबन्दी ई-साईन होकर मिलने लगी है। इससे सभी वर्गों को यह भी फायदा होगा कि नक्शे में भी उतने ही खसरा नम्बर दर्शित होंगे जितने जमाबन्दी में होंगे। जमाबन्दी एवं नक्शा एक समान होने पर ही ऑनलाईन किया जा सकता है। इसलिए जमाबन्दी और नक्शे में खसरे समान नम्बर से होंगे।

नामान्तरकरण भी ऑनलाइन ही होगा जारी, समयसीमा निश्चित: राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाईन होने के पश्चात् नामान्तरकरण भी ऑनलाईन ही दर्ज किया जाएगा। कोई भी पंजीकृत दस्तावेज पंजीकरण होने के पश्चात् सीधे ऑनलाईन तहसील में भेज दिया जाएगा और नामान्तरकरण ऑनलाईन ही दर्ज किया जाएगा। सभी राजस्व कर्मचारियों-अधिकारियों को एक निश्चित समय पर उसका निस्तारण करना होगा। यह कार्य भी ऑनलाईन ही किया जाएगा।
किसान किसी भी तरह का नामान्तकरण दस्तावेज ई-मित्र पर या तहसील कार्यालय में ऑनलाईन दर्ज करवा सकेगा। निश्चित समय पर उस दस्तावेज का निस्तारण किया जाना आवश्यक होगा, जिसके कारण किसान को किसी भी राजस्व कर्मचारी या अधिकारी के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं रहेगी। राजस्व रिकॉर्ड में अगर किसान अपने खसरा नम्बर का बटवारा या आंशिक बेचान करता है तो उसका अलग खसरा नम्बर नामान्तरकरण के साथ दर्ज करना होगा। साथ ही जमाबन्दी एंव नक्शों में खसरा नम्बर अलग हो जाएगा, व तरमीम को नक्शे में दर्शाया जा सकेगा, जो स्वतः ही अलग-अलग भाग दिखाई देगा।

खसरा गिरादावरी भी दिखेगी ऑनलाइन: राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाईन होने से किसान उसके खसरा नम्बर में जो फसल बोई है, वो खसरा गिरदावरी ऑनलाईन होने से देखी सकती है, कि उसके कौन से खसरा नम्बर में क्या फसल है और कितनी है? इस प्रकार किसान अपनी बोई गई फसल की गिरदावरी की सटीक जानकारी ऑनलाईन ही प्राप्त कर सकता है।

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