नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) व राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनपीआर) को लेकर देश में भले ही अब देश में विरोध प्रदर्शन ना के बराबर हो रहा हो, लेकिन ये मुद्दे अभी भी राजनीति को हवा दे रहे हैं। इन पर नेता लगातार बयान दे रहे हैं। मोदी सरकार इस पर अडिग है तो कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल किसी न किसी तरह से असहमति दिखा रहे हैं।
अब कांग्रेस के अनुभवी नेता मणिशंकर ने ऐसी बात छेड़ी है, जो विवाद की जड़ बन सकती है। दरअसल कई विवादित बयान दे चुके अय्यर ने पाकिस्तान जाकर लाहौर में एक पैनल डिस्कशन के दौरान दावा किया कि जिस तरह से एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया है उससे उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही विवाद चल रहा है।
सोमवार को आयोजित एक विचार विमर्श में पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी की मौजूदगी में अय्यर ने कहा कि भारत में मोदी और शाह हिंदुत्व का चेहरा हैं। एनपीआर को नरेंद्र मोदी सरकार ने कभी भी एनआरसी की जगह नहीं बताया, लेकिन संसद में शाह ने ऐसा कहा है और उनके द्वारा संसद में लिखित आश्वासन दिए गए हैं कि यह वास्तव में एनआरसी से पहले की ही कवायद है।
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इस मुद्दे पर शाह और मोदी के बीच विवाद है। कई चीजें हुई हैं, जो हम देख
सकते हैं। अभिव्यक्ति की आजादी जिस तरह दिखी है, उससे मोदी मुश्किल महसूस
करेंगे। अय्यर मंगलवार को दिल्ली के शाहीन बाग में एक महीने से चल रहे
विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने भी पहुंचे।
यहां उन्होंने कहा था कि मैं
तैयार हूं। जो भी कुर्बानियां देनी हों, मैं उसमें शामिल होने के लिए तैयार
हूं। अब देखते हैं कि किसका हाथ मजबूत है हमारा या उस कातिल का। इस बयान
के बाद वे घिर गए और भाजपा ने उन पर जमकर हमला बोला। उल्लेखनीय है कि अय्यर
ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को चायवाला कहा था, जिसे भाजपा
ने खूब भुनाया था।