पंजाब के मंत्रियों ने बादल को अकाली दल पर पैदाइशी कब्ज़े के लिए निशाने पर लिया

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 12 जनवरी 2020, 10:58 PM (IST)

चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के अंदर सुखबीर बादल के विरुद्ध बढ़ते भारी विरोध के चलते पंजाब के कई मंत्रियों ने रविवार को अकाली दल पर निशाना साधा जिस पर बादलों के पूरी तरह निजी कंट्रोल को मुक्त करने की ज़रूरत है।

कैबिनेट मंत्रियों तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा (ग्रामीण विकास व पंचायतें), सुखबिन्दर सिंह सरकारिया (आवास निर्माण और शहरी विकास) और गुरप्रीत सिंह कांगड़ (राजस्व) ने सुखबीर बादल की पत्नी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के पार्टी के प्रांतीय मामलों में बढ़ते दख़ल पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग में हरसिमरत बादल का बिना मेंबर से बैठना उसके बढ़ते दख़ल की निशानी है।

मंत्रियों ने कहा हद तो यह हो गई कि जिन अकालियों ने 20वीं सदी के शुरू में गुरुद्वारों पर काबिज़ महंतों से गुरुधामों को आज़ाद करवाने के लिए ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी, आज उसी अकाली दल पर बादल परिवार ने महंतों की तर्ज पर पैदाइशी कब्ज़ा किया हुआ है।

उन्होंने पूछा, ‘ब्रिटिश भारत के समय पर महंतों /उदासियों द्वारा उत्साहित की ख़ानदानी परंपरा और बादलों के बीच क्या अंतर है जो खुलेआम निडर होकर एक ही जैसे सभ्याचार की पालना कर रहे हैं जिससे अकाली दल पर परिवार का कब्ज़ा कायम रहे?’

मंत्रियों ने कहा कि हरसिमरत की केंद्रीय मंत्री के तौर पर किए जा सकने वाले अहम कामों की कीमतों पर अकाली दल और पंजाब मामलों में बढ़ती शमूलियत इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पार्टी के नेता और वर्कर सुखबीर की लीडरशिप से खुश नहीं हैं।

ढींडसा पिता-पुत्र की जोड़ी, जिनको पहले ही पार्टी में से मुअत्तल कर दिया गया है, की बग़ावत की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के समय के बाद शिरोमणि अकाली दल पूरी तरह उथल-पुथल हो गया। गौरतलब है कि शनिवार को कोर कमेटी की मीटिंग में संसद मेंबर सुखदेव सिंह ढींडसा और उनके विधायक पुत्र परमिन्दर सिंह ढींडसा को शिरोमणि अकाली दल में से मुअत्तल कर दिया गया था, जिस मीटिंग में हरसिमरत कौर बादल भी मौजूद थी।

ढींडसा ने बादलों की तरफ से अकाली दल के असहनीय नियंत्रण के विरुद्ध खुलेआम बागवत की थी और पार्टी को बादल परिवार के चंगुल से आज़ाद करवाने और इसकी खो चुकी साख को फिर सुरजीत करने के अपने इरादे के ऐलान के संदर्भ में बोलते हुए मंत्रियों ने कहा कि यही बयान सुखबीर के नेतृत्व के विरुद्ध पार्टी में बढ़ रही भटकना और पार्टी में स्वतंत्रता की कमी की ताज़ा मिसाल है।


उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर पार्टी के सीनियर नेता लीडरशिप और विचारधारा की कमी से इतने नाखुश हैं, तो हम सिर्फ अंदाज़ा ही लगा सकते हैं कि पार्टी के आम वर्कर कितने असंतुष्ट होंगे।

मंत्रियों ने कहा कि बादलों के असैद्धांतिक, अनैतिक और भ्रष्ट नेतृत्व अधीन अकाली दल ने अपनी सारी भरोसे योग्यता खो दी है। उन्होंने कहा कि बादल अपनी राजसी अखंडता गवा चुके हैं जिन्होंने अपने स्वार्थी निजी हितों को बढ़ावा देने के लिए पार्टी को ज़मीनी स्तर से पूरी तरह काट दिया है।
मंत्रियों ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार के खि़लाफ़ सुखबीर द्वारा हाल ही में लगाए गए बेबुनियाद दोषों को शिरोमणि अकाली दल के पतन और पार्टी में उनके (सुखबीर) खि़लाफ़ बढ़ रही नाराजग़ी से ध्यान हटाने की एक निराशाजनक कोशिश बताया। अपनी असफलता का सामना करने से असमर्थ सुखबीर पंजाब के लोगों को लुभाने के लिए झूठी और मनघढ़त बातों के इस्तेमाल के साथ सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के अक्स को खऱाब करने की कोशिशों का सहारा ले रहा है। मंत्रियों ने आगे कहा कि परन्तु पंजाब के लोगों ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सकारात्मक, विकास पक्षीय और प्रगतिशील नेतृत्व में भरोसा जता कर शिरोमणि अकाली दल और बादलों के विनाशकारी और अलगाववादी नेतृत्व को पूरी तरह नकार दिया था।

मंत्रियों ने कहा कि जहां तक हरसिमरत का सम्बन्ध है, वह अकाली दल के पंजाब मामलों में आने की बजाय अपना समय और शक्ति केंद्र सरकार में पंजाब के हितों की रक्षा के लिए लगाऐ जिस सरकार का वह हिस्सा हैं।

मंत्रियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अब समय आ गया है कि बादल परिवार अकाली दल में से एक तरफ़ होकर ऐसे नेताओं के हाथ कमान सौंपे जो अकाली दल की विचारधारा को समर्पित हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बादलों ने ऐसा न किया तो अकाली दल को पंजाब और भारत के राजसी नक्शे से पूरी तरह मिटा दिया जाएगा।

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