जयराम ठाकुर सरकार में सशक्तिकरण पर विशेष बल

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 12 जनवरी 2020, 5:47 PM (IST)

धर्मशाला। समावेशी समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार एक स्वस्थ समाज के निर्माण में बच्चों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास भी आवश्यक है। प्रदेश सरकार द्वारा इन सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर विशेष बल दिया जा रहा है तथा विकास व सामाजिक गतिविध्यिों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित बनाने और उन्हें सशक्त व सक्षम बनाने के लिए प्रभावशाली योजनाएं आरंभ की गई हैं।

बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत बी.पी.एल. परिवार में जन्म लेने वाली बालिका को दी जाने वाली एकमुश्त अनुदान सहायता राशि को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपए किया गया है। मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के अंतर्गत दो बच्चों के पालन-पोषण पर दी जाने वाली सहायता राशि को गत वर्षों में 4000 रुपए प्रति बच्चा प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 6000 रुपए किया गया। इस योजना के तहत गत दो वर्षों में 45,820 बच्चों को लाभान्वित किया गया है।

बेसहारा लड़कियों के विवाह के लिए सहायता प्रदान करने के लिए आरम्भ की गई मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत सहायता अनुदान को 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार रुपए किया गया तथा 8206 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया गया। महिला स्वरोजगार सहायता योजना के अंतर्गत 35 हजार रुपए से कम वार्षिक आय वाली महिलाओं को आय संवर्धन के लिए 5 हजार रुपए प्रदान किए जा रहे हैं।


स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चों की अवधरणा को बढ़ावा देने के लिए आरंभ पोषण अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने के लिए हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पांच श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। ये पुरस्कार व्यक्तिगत कार्य के लिए, ग्राम स्तर पर संयुक्त प्रयास के लिए, ग्राम स्तरीय समन्वय समिति के लिए, जिला स्तरीय उत्कृष्ट कार्य व नेतृत्व प्रदान करने के लिए तथा राज्य स्तर पर सोशल मीडिया के माध्यम से बेहतर प्रचार-प्रसार के लिए दिए गए हैं।

प्रदेश में बालिकाओं व किशोरियों के सशक्तिकरण तथा उनके खिलापफ हो रहे अपराधें पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से ‘सक्षम गुड़िया बोर्ड’ गठित किया गया। 11 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक की किशोरियों व महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक बनाने व उनका कौशल विकास करके आर्थिक गतिविधियों के साथ जोड़ने के उद्देश्य से आरम्भ सशक्त महिला योजना को प्रदेशभर में लागू किया गया। इस योजना के तहत गत दो वर्षों में सभी 3226 पंचायतों तथा नगर निगम व नगर पंचायतों में 93 महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए गए।

गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए आरम्भ की गई प्रधनमंत्राी मातृ वंदना योजना में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए वर्ष 2018 में हिमाचल को सर्वश्रेष्ठ राज्य के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को तीन किश्तों में 5-5 हजार रुपए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। जनवरी, 2018 से 27 दिसम्बर, 2019 तक 1,15,387 लाभार्थियों के खातों में 48.57 करोड़ रुपए की राशि जमा की गई।
महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उनकी सुरक्षा के लिए नीतियों के बारे में सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महिला कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। प्रदेश में संचालित 18925 आंगनबाड़ी केन्द्रों में औसतन 79,000 बच्चों को अनौपचारिक शालापूर्व शिक्षा प्रदान की जा रही है। गत दो वर्षों में 70 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण तथा स्तरोन्यन के लिए सात करोड़ रुपए व्यय किए गए।


मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना के अंतर्गत बाल एवं बालिका आश्रमों के बच्चों को 8वीं से जमा दो तक की परीक्षाओं में प्रथम दो स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को वित्त वर्ष 2019-20 में दस हजार रुपए की वार्षिक छात्रावृत्ति का प्रावधन किया गया है। बाल एवं बालिका आश्रमों के ऐसे बच्चों के लिए जिनके पास आश्रम छोड़ने पर रहने के लिए कोई स्थान नहीं है, के लिए आफ्टर केयर होम बालिका आश्रम टूटीकंडी तथा अर्की में 2019-20 में स्थापित किए गए हैं।

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