भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री के टिड्डी दल बयान पर किया पलटवार, कहीं ये बात

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 09 जनवरी 2020, 9:51 PM (IST)

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत के ‘‘अमित शाह जोधपुर तो आए लेकिन टिड्डी दल के हमले पर कुछ नहीं बोले’’ बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि अशोक गहलोत ऐसा कह कर अपनी जिम्मेदारी पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस सरकार को भाजपा के जनप्रतिनिधियों व किसानों ने मई महीने से ही टिड्डी दलों के हमले से अवगत करा दिया था, फिर भी सरकार 4 महीने तक सोती रही। सरकार ने हमारी बात को गम्भीरता से ना लेकर नजरअंदाज कर दिया, जिसका खामियाजा प्रदेश के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।


डाॅ. सतीश पूनिया ने कहा कि अमित शाह के जोधपुर दौरे के दौरान टिड्डी दलों के हमले से चौपट हुई किसानों की फसल के बारे में अवगत करवाया गया एवं जब केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जयपुर दौरे पर आई तो उन्हें इस पूरे विषय की जानकारी दी। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को भी फोन के माध्यम से इस विषय की जानकारी से अवगत करवाया गया। कल दिल्ली दौरे के दौरान केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अर्जुनराम मेघवाल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, नित्यानंद राय से चर्चा हुई। इस विषय पर प्रदेश के तीनों मंत्रीयों से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने पहले भी कई बार चर्चा की है। इन सबका परिणाम यह हुआ कि आज केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच चर्चा हुई कि किस तरह से टिड्डी प्रभावित किसानों की मदद की जाएं। आखिरकार डाॅ. सतीश पूनिया की मेहनत रंग लाई। इस विषय पर बातचीत शुरू हुई और किसानों की सहायता की सम्भावना।


डाॅ. पूनिया ने कहा कि यह कैसी सरकार है, जो किसान, युवा, महिला आदि किसी की भी पीड़ा को अपनी पीड़ा ना मानकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में लगी रहती है। सरकार के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि उपमुख्यमंत्री को अपनी ही सरकार की जिम्मेदारी के लिए अवगत कराना पड़ता है। क्या गहलोत टिड्डियों के द्वारा किसानों के हुए नुकसान में भी अपनी लापरवाही को स्वीकार करने के लिए उपमुख्यमंत्री के बयान का इंतजार कर रहे है?


डाॅ. पूनिया ने कोटा में नवजात बच्चों की मौत पर कहा कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने स्वीकार किया है कि मैं स्वास्थ्य मंत्री हूं और यह मेरी जिम्मेदारी है, उन्हें ‘‘लाल बहादुर शास्त्र’’ का अनुसरण करना चाहिए, जिन्होंने ट्रेन का एक्सीडेंट होने के बाद ‘‘रेल मंत्री’’ के पद से इस्तीफा दे दिया था। जब वे गांधी को मानते हैं, लाल बहादुर को मानते हैं, नैतिकता को मानते हैं, जिम्मेदारी को मानते हैं तो इस्तीफा क्यों नहीं देते? पहले तो वह अपनी जिम्मेदारी से इंकार कर रहे थे, सार्वजनिक निर्माण विभाग पर आरोप लगा रहे थे। इतने दिन तो सरकार फुटबॉल खेल रही थी, जो घटनाएं और भी जगह हुई हैं, जिस तरीके से कोटा की घटना का एक्सपोजर हुआ।

जोधपुर, बांसवाड़ा, बूंदी सब जगह की खबर आ गई। उन्होंने चिकित्सा विभाग में खासकर बच्चों के मामले में इंच मात्र भी सोचा नहीं। उन्होंने उपकरण चाइनीज खरीद लिए, जापानीज खरीद लिए उस से सरोकार क्या है? यह बच्चे बिल्कुल नहीं मरते, यदि समय पर वार्मर उपलब्ध करवा देते तो, बच्चों की जो रिपोर्ट है संक्रमण की, तापमान की कमी के कारण उनको जो संक्रमण हुआ, वह जो बीमारी का कारण रहा बहुत अधिक सर्दी के कारण उनको अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा।

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