JNU की आग पाकिस्तान तक पहुंची, समर्थन में कराची में छात्राें ने किया प्रदर्शन, CAA का विरोध

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 09 जनवरी 2020, 7:34 PM (IST)

कराची। पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में विद्यार्थियों ने भारत के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के आंदोलनरत छात्रों व शिक्षकों के समर्थन में और भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन किया है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इंटर यूनिवर्सिटी फेमिनिस्ट यूनियन (आईयूएफयू) से संबद्ध विद्यार्थियों ने बुधवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शन में भाग लिया और जेएनयू के विद्यार्थियों व शिक्षकों पर 5 जनवरी को हुए हमले का विरोध किया। उन्होंने सीएए के खिलाफ भारत में आंदोलन कर रहे शिक्षकों, विद्यार्थियों और नागरिकों के प्रति एकजुटता दिखाई।

प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने अपना और अपने विश्वविद्यालय का नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि 'दहशत का यह दौर सीएए और एनआरसी के खिलाफ जारी प्रतिरोध के कारण है जिनका इस्तेमाल मुसलमानों समेत अन्य कमजोर तबकों के खिलाफ भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी व जेएनयू के आंदोलनरत विद्यार्थियों के साथ राजसत्ता ने बर्बरता की है।'

प्रदर्शन में शामिल एक छात्रा ने भी अपना और अपने विश्वविद्यालय का नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा "आईयूएफयू भारत में विद्यार्थियों के खिलाफ हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करता है। यहां पाकिस्तान में भी हम विद्यार्थियों के साथ ऐसा होता है। हमारे साथियों को अगवाकर लिया जाता है और हिरासत में ले लिया जाता है।"

छात्रा ने कहा "हम आपको अपना नाम नहीं बता सकते क्योंकि हम डरे हुए हैं। और हां, हम सीमापार के (भारत के) अपने साथी विद्यार्थियों के साथ हैं क्योंकि हम बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं कि वे किस दौर से गुजर रहे होंगे। यहां (पाकिस्तान में) छात्रों की तुलना में छात्राओं को अधिक सहना पड़ता है। हमें हमारे विश्वविद्यालयों में उत्पीड़ित किया जाता है और अगर हम शिकायत करें तो प्रबंधन के लोग हमारा और उत्पीड़न करते हैं।"

प्रदर्शन में भाग लेने के लिए लाहौर से विमान से कराची आए एक छात्र ने कहा "ऐसा ही प्रदर्शन पूरे पाकिस्तान में हो रहा है। यह सीमापार के हमारे साथी विद्यार्थियों के प्रति हमारी एकजुटता का संदेश है। हमारी मांग है कि संयुक्त राष्ट्र भारत सरकार को विद्यार्थियों के प्रति इस तरह की कार्रवाइयों से रोके। हमारी भारत और पाकिस्तान की सरकारों से मांग है कि वे द्विपक्षीय संबंध बेहतर करें और दुनिया में अन्य जगहों पर जैसे पड़ोसी देशों के लोग दोस्ती से रहते हैं, वैसे ही हम दोनों देशों के नागरिक मित्रता के साथ रह सकें।"

(आईएएनएस)

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