मकर संक्रांति का महापर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन दान करना फलदायक माना जाता है। बता दें कि सूर्य देव 15 जनवरी रात 2 बजकर 8 मिनट पर उत्तरायण होंगे यानि सूर्य चाल बदलकर धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यही कारक है कि सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का पर्व संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को सर्वाथ सिद्धि संयोग भी रहेगा।
ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी बुधवार के दिन भर दान-पुण्य और स्नान किया जा सकेगा। मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्यदेव उत्तरायण हो जाएंगे। दिन भी बड़े होने लगेंगे। इसके साथ ही धनु मलमास भी खत्म हो जाएगा और मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
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15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे सूर्यदेव
ज्योतिष
के अनुसार सूर्यदेव 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे कई
राशियों को फायदा मिलेगा और कुछ राशियों पर उलटा प्रभाव पड़ता है। (1) मेष
धन लाभ, (2) वृषभ मान यश, (3) मिथुन विजय कर्क खर्चा बढेगा। (4) सिंह भाग्य
उदय (5) कन्या प्रॉपर्टी लाभ, (6) तुला धन लाभ, (7) वृश्चिक विवाद, (8)
धनु प्रमोशन, (9) मकर यश कीर्ति, (10) कुंभ मान- सम्मान, (11) मीन रोग
पीड़ा।
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मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
पुण्यकाल का समय : सुबह सात बजकर 19 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक।
महापुण्यकाल का समय : सुबह सात बजकर 19 मिनट से 9 बजकर 3 मिनट तक।
बता
दें कि मकर संक्रांति के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएगे। साल का पहला
विवाह मुहूर्त 15 जनवरी को पड़ेगा। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य के धनु राशि
से मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही विवाह, नया वाहन, भूमि
क्रय-विक्रय, मुंडन जैसे शुभ कार्य शुरू हो होंगे।
मकर संक्रांति
को दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन दान पुण्य और
अनुष्ठान अभीष्ठ फल देने वाला होता है। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य देव
मकर राशि में आते हैं तो शनि की प्रिय वस्तुओं को दान से भक्तों पर सूर्य
की कृपा बरसती है। इस वजह से मकर संक्रांति को तिल निर्मित वस्तुओं का दान
शनिदेव की विशेष कृपा को घर परिवार में लाता है।
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