मोबाइल ऐप के द्वारा समूह हिस्सेदारों को मिलेगा बड़ा लाभ: चेयरमैन लाल सिंह

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 08 जनवरी 2020, 9:24 PM (IST)

चंडीगढ़। रबी प्रबंधन प्रणाली 2020-21 के कार्यों को पेपरलैस (कागज़ रहित) बनाने के लिए पंजाब मंडी बोर्ड ने किसानों को खरीद प्रक्रिया की समय पर जानकारी देने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन ई-पीएमबी के साथ-साथ इंटेग्रेटिड मैनेजमेंट सिस्टम (आई.एम.एस.) की शुरुआत की।

इस किसान-समर्थकीय मोबाइल ऐप की शुरुआत करते हुए मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने कहा कि यह प्रयास आड़तियों और आम लोगों को ऑनलाईन लाइसेंस देने और पंजाब के विभिन्न स्थानों से ‘अपनी मंडियां’ में फलों और सब्जियों की असली कीमतों की उपलब्धता जानने में समर्थ करेगा। यह उपभोक्ता-समर्थकीय ऐप मार्किटिंग सहायता सम्बन्धी सभी हिस्सेदारों को अपेक्षित जानकारी प्रदान करने में सहायक होगी।

मंडियों के खरीद कार्यों में और ज्य़ादा पारदर्शिता लाने के लिए इस विलक्षण पहलकदमी की प्रशंसा करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विसवाजीत खन्ना ने कहा कि मंडी बोर्ड ने पेपरलैस कार्यों की तरफ ध्यान देकर आई.एम.एस. के द्वारा ई-गवर्नेंस का क्रांतिकारी कदम उठाया है। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा सभी हिस्सेदारों को विभिन्न ई-सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-पीएमबी को निर्विघ्न लागू करने के लिए जि़ला नोडल अधिकारी पहले ही नियुक्त किए गए हैं।

इस मोबाइल ऐप की प्रमुख विशेषताएं बारे बताते हुए मंडी बोर्ड के सचिव रवि भगत ने बताया कि यह ऐप प्रयोगकर्ताओं को राज्य भर की अलग -अलग ‘अपनी मंडियां’ में मौजूद कीमतों की तुलना करने के साथ-साथ किसानों को उनकी उपज को वास्तविक समय की दरों पर बेचने का मौका प्रदान करेगी। इसके अलावा यह जी.पी.एस. युक्त मोबाइल ऐप पंजाब मंडी बोर्ड के कर्मचारियों की हाजिऱी को भी दिखाएगी और उनकी जगह की पुष्टि भी करेगी।

ई-खरीद (खरीद कार्य) के बारे बताते हुए रवि भगत ने कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड किसानों की पैदावार को मंडियों में आते ही खरीदने का इरादा रखता है। मंडी में उपज की नीलामी भी इलेक्ट्रॉनिक ढंग से की जाएगी। आड़ती जे-फॉर्म ऑनलाईन प्राप्त कर सकेंगे और वह यह फॉर्म किसानों को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से मुहैया करवाएंगे। खरीद, भुगतान और लिफ्टिंग की वास्तविक समय पर निगरानी की जा सकेगी। यह ऐप जाली बिलिंग को रोकने में भी सहायता करेगी, जिससे ऐसी ग़ैर कानूनी गतिविधियों को रोका जा सकता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मंडियों में खरीद कार्यों को पेपरलैस करना है जो खरीद प्रक्रिया में देरी तथा उपज और मार्केट फ़ीसों की चोरी को ख़त्म करेगा।

ई-पीएमबी के अधीन विभिन्न ई-सेवाओं बारे जानकारी देते हुए मंडी बोर्ड के सचिव ने कहा कि ई-एस्टेट के ज़रिये मंडियों के अंदर प्लॉट मालिक अलग-अलग कार्य जैसे कि जायदाद का तबादला, जायदाद की कोई भी तबदीली, गिरवी रखने की मंजूरी आदि के लिए ऑनलाईन आवेदन-पत्र देंगे। इसी तरह सभी लायसेंस (नए और नवीकरण) जैसे कि आड़ती, तोला, प्रोसेसिंग उद्योग आदि मंडी बोर्ड और सचिव मार्केट कमेटियों के दफ़्तर जाए बिना ई-लाइसेंस के द्वारा ऑनलाईन आवेदन किए जाएंगे और यह लाइसेंस इलेक्ट्रॉनिक तौर पर जारी किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अब से मंडियों में प्लॉटों की सारी नीलामी ई-ऑकशन के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक ढंग से की जाएगी। इसी तरह ग्रामीण विकास, मार्केट फीस, जायदाद फीस, लाइसेंस फीस की सभी अदायगियां /रसीदें सिर्फ ई-भुगतान के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तौर पर की जाएंगी और कैशबुक में भुगतानों और प्राप्तियों की सभी ऐंट्रियां ई-अकाउंट के ज़रिये ऑनलाईन लेखा प्रबंधन में दाखि़ल की जाएंगी।

यह जि़क्रयोग्य है कि पंजाब मंडी बोर्ड के पास 154 मार्केट कमेटियां हैं जिनको मंडियों में खेती उपज के मंडीकरण को नियमित करने की जि़म्मेदारी सौंपी गई है और बुनियादी ढांचा और अन्य सामान जैसे कि नीलामी प्लेटफार्म, शैड, दफ़्तर की इमारत, कैंटीन, सड़क़ें, बिजलीकरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने की जि़म्मेदारी भी सौंपी गई है। इसके अलावा मंडी बोर्ड के पास 151 प्रिंसिपल मार्केट यार्ड, 287 सब मार्केट यार्ड और फल एवं सब्जियों की 130 मंडियां भी हैं।

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