नई दिल्ली। देशभर की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। ये बंद केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुलाया गया है। इस बंद का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है। इसके विरोध में बंगाल में ट्रेनों को रोका गया है। दुकानों को भी बंद करवाया गया है। इस बंद को कम्युनिस्ट पार्टियों का समर्थन मिला हुआ है। इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन भी शामिल हुई हैं। बंगाल के बर्धमान में टीएमसी और एसएफआई के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए हैं। अमृतसर में एक रेलवे ट्रैक को प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन करने से उसे ब्लॉक कर दिया गया है।
इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया कि हड़ताल में भाग लेने वाली यूनियनों में हमारे बैंक कर्मचारियों की सदस्यता बहुत कम है। इसलिए ज्यादा असर नहीं है। ऐसे में बैंक के कामकाज पर हड़ताल का असर कम से कम हो रहा है। आपको बताते जाए कि 22,000 शाखाओं के साथ एसबीआई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है।
यहां देखें ट्रेड यूनियन ने क्यों बुलाया है बंद...
आज ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है, इनका दावा है कि केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है। स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया गया है। यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों से बातकर नीतियों को आगे बनाना चाहिए।
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यूनियन की तरफ से 13 मांगें रखी गई हैं, जिनमें आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना भी शामिल है। पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाने के लिए नीति बनाना है। यूनियन की मांग है कि यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपए प्रति माह होनी चाहिए।