नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को निर्भया दुष्कर्म मामले में आए फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐसे जघन्य अपराधों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगा। केजरीवाल ने यह भी कहा कि फैसला उन सभी के लिए एक सबक होगा, जो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं।
केजरीवाल ने यहां एक टाउन हॉल बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "इससे लोग डरेंगे, भले ही थोड़ी देर हुई, कानून ने उन्हें सजा दी और न्याय सुनिश्चित हुआ।"
उन्होंने इसे एक जीत बताया और कहा कि इससे लोगों की एक बड़ी इच्छा पूरी हुई है।
केजरीवाल ने कहा, "सभी फैसले का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहे थे"
मीडिया से अलग से बात करते हुए, सिसोदिया ने कहा कि लोग इस मामले को एक मानक के रूप में देख रहे थे।
उन्होंने कहा, "इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। लोग कह रहे थे कि अगर इस मामले में दोषियों को फांसी नहीं दी गई, तो बाकी (ऐसे मामलों) में क्या होगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि निर्भया के माता-पिता और उनके वकीलों के प्रयासों से यह संभव हो सका।
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में सभी चार दोषियों के खिलाफ मौत का वारंट जारी किया।
मृत्यु वारंट जारी करते हुए, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने निर्देश दिया कि दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाए।
23 वर्षीय महिला के साथ 16 दिसंबर, 2012 को बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसे प्रताड़ित किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
इस मामले में सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और दुष्कर्म व हत्या का आरोप लगाया गया। आरोपियों में से एक नाबालिग था, जो जुवेनाइल अदालत से सुनाई गई सजा भुगतकर अब रिहा हो चुका है। जबकि एक अन्य आरोपी ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।
--आईएएनएस
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