निशा शर्मा
चंडीगढ़। हेरोइन के काले कारोबार की आमदनी से देश में अशांति फ़ैलाने की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। नमक के बोरों के बहाने 532 किलो हेरोइन पाकिस्तान से पंजाब के सीमावर्ती जिले अमृतसर मंगवाई गई थी। इसकी कीमत करीब 2700 करोड़ रुपए आंकी गई है। एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने अपनी चार्जशीट में यह खुलासा किया है। जांच-पड़ताल के बाद एनआईए ने अब 11 लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट फाइल की है।
पाकिस्तान से आई नमक की खेप में 532 किलो हेरोइन और 52 किलो नशीले पदार्थ पकड़े गए थे। यह मामला 29 जून को सामने आया था। आरोपियों में तारिक अहमद लोन, जसवीर सिंह, निरभैल सिंह, संदीप कौर, अजय गुप्ता, रंजीत सिंह, इकबाल सिंह, फारूख लोन, साहिल, सोहेब नूर और अमीर नूर शामिल हैं। इनमें 6 आरोपी अभी एनआईए की पकड़ से बाहर हैं। हेरोइन की इस खेप को अमृतसर की अटारी इंटरनेशनल चैक पोस्ट पर पकड़ा गया था। जांच के दौरान यह साफ हो चुका है कि नार्को टेररिज्म के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश थी।
इस मामले में पंजाब में अमृतसर के व्यापारी गुरपिंदर सिंह और जम्मू-कश्मीर में हंदवाड़ा के तारिक अहम लोन पर केस दर्ज किया गया था। एनआईए को जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद सामने आया कि यह मामला अंतर्राष्ट्रीय नशा तस्कर गिरोह से जुड़ा है, जो पाकिस्तान से बैठकर चलाया जा रहा था। इस गिरोह के तार अफगानिस्तान तक फैले हुए हैं। इस खेल को चलाने में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत विशेष तौर पर पंजाब, जम्मू और दिल्ली के लोगों की भूमिका भी सामने आई है। इसे चलाने के लिए हवाला व अन्य चैनलों का प्रयोग किया जाता रहा है. पाकिस्तान से नमक के बहाने खेप अमृतसर पहुंचाई जाती रही है।
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