मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार ने लोगों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के लिए शुरू की थी सीएम विण्डों

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 20 दिसम्बर 2019, 9:42 PM (IST)

चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के लोगों के जीवन को सुविधाजनक ओर आरामदायक बनाने के मध्येनजर उनकी समस्याओं को त्वरित हल करने के लिए सीएम विण्डों जैसी अनोखी पहल देश में सबसे पहले हरियाणा में शुरू की और आज इसके परिणामस्वरूप लोगों की समस्याओं का समाधान ऑनलाईन प्रणाली के माध्यम से हो रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने पिछले दिनों सीएम विण्डों से संबधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि वे वर्ष 2014 से 2018 के बीच की ऐसी सभी शिकायतों का निपटारा आगामी 10 जनवरी, 2020 तक अवश्य कर दें और इसके लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।

यह जानकारी आज यहां मुुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डाॅ. राकेश गुप्ता ने सीएम विण्डों, सीपीजीआरएमएस और सोशल मीडिया शिकायत निवारण ट्रेकर की समीक्षा बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को दी। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए संबधित विभागों के नोडल अधिकारियों का एक व्हाटस गु्रप बनाया जाएगा ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से हो सके और उन सूचनाओं के आधार पर शिकायतों का निपटान भी त्वरित होगा।

डाॅ. गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों सीएम-विण्डों की शिकायतों को लेकर नाराजगी व्यक्त की है और संबंधित उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द लम्बित शिकायतों का निपटारा करें ताकि लोगों को राहत प्रदान हो सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऐसे अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र इत्यादि देकर प्रोत्साहित भी किया जाएगा जो सीएम-विण्डों पर आने वाली शिकायतों का समय पर निपटान कर रहे हैं और उनके पास किसी भी प्रकार की कोई शिकायत निश्चित अवधि से ज्यादा समय से लम्बित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश है कि आम व्यक्ति की शिकायतों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। परियोजना निदेशक ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे प्राथमिकता के आधार पर अपने विभागों से संबधित शिकायतों का निपटारा करें।

उन्होंने अधिक समय से लम्बित शिकायतों से संबधित विभागों के अधिकारियोंं को निर्देश दिए कि वे आज ही अपने विभाग के प्रशासनिक सचिव को सीएम-विण्डों से संबधित लम्बित शिकायतों का ब्यौरा देंगें ताकि संबधित प्रशासनिक सचिव इन शिकायतों के निपटान के लिए त्वरित कार्रवाई कर सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक आगामी 31 दिसम्बर को बुलाई गई है ताकि वे आपसी समन्वय स्थापित करके शिकायतों का जल्द निपटान कर सकें।

उन्होंने विभागानुसार शिकायतों का अवलोकन करते हुए पर्यटन विभाग के अधिकारियों की प्रंशसा की और कहा कि विभाग की कोई भी पुरानी लम्बित शिकायत नहीं है। इसी प्रकार, खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के नोडल अधिकारी ने डाॅ. गुप्ता को आश्वासन दिया कि आगामी 10 जनवरी, 2020 तक ऐसी सभी शिकायतों का निपटान कर दिया जाएगा। इसी तरह, गृह, वित, चौकसी, विकास एवं पंचायत विभाग ने सीएम-विण्डों की शिकायतों को निपटाने में बेहतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि विकास एवं पंचायत विभाग ने सराहनीय कार्य किया है इसलिए उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। बैठक के दौरान उद्योग, औद्योगिक प्रशिक्षण, शहरी स्थानीय निकाय, पर्यावरण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस, कृषि एवं किसान कल्याण, उच्च शिक्षा, राजस्व, सहकारिता, वन एवं वन्यजीव, हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग, बिजली, खाद्य एंव आपूर्ति, परिवहन, चिकित्सा शिक्षा, श्रम, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, भूविज्ञान, महिला एवं बाल कल्याण, आवास, लोक निर्माण, तकनीकी शिक्षा, अक्षय ऊर्जा, सूचना एवं जनसम्पर्क, अभिलेख, अभिलेखागार एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने डॉ. गुप्ता को आश्वस्त किया कि वे निश्चित तिथि तक लम्बित शिकायतों का निपटान कर देंगें।

डाॅ. गुप्ता ने सांस्कृतिक कार्य विभाग की भ्रष्टाचार से संबधित एक शिकायत के संबध में नोडल अधिकारी को आदेश दिए कि सीएम-विण्डों पर भ्रष्टाचार से संबधित आई हुई शिकायत की पुन: जांच करें और 15 दिन के अन्दर रिपोर्ट सौंपें। उन्होंने गुरूग्राम में अक्षय ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी के विरूद्व गबन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी जिसे बाद में रद्द कर दिया गया, लेकिन अब इस मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए गए परन्तु विभागीय कार्रवाई में किसी प्रकार की कोई रिकवरी नहीं दिखाई गई, इस मामले पर संज्ञान लेते हुए डाॅ. गुप्ता ने पुन: संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वें इस मामले में सभी 140 लाभार्थियों को सबसिडी देने संबधी जांच की जाए और रिपोर्ट सौंपी जाए। इसी प्रकार, डाॅ. गुप्ता ने बताया कि बिजली विभाग में कलेक्शन एजेंसी द्वारा उपभोक्ताओं के बिलों की राशि एकत्रित कर ली गई लेकिन विभाग में राशि जमा नहीं करवाई गई, इस अनियमितता की जांच के आदेश भी उन्होंने दिए।

इसी प्रकार, उच्च शिक्षा विभाग की गम्भीर अनियमितताओं से संबधित एक शिकायत का अवलोकन करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबधित एडीसी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कालेज कमेटी, रेवाडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। इसके अलावा, उन्होंने नगर एवं आयोजना विभाग की एक शिकायत के संबध में गुरूग्राम में बिल्डर मैसर्ज साई आईना फार्मस प्राईवेट लिमिटेड के हितधारक विकास छोक्कर और धर्मसिंह छोक्कर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। इन्होंने लाईसेंस लेने के लिए गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए थे।

सीएम-विण्डों पर एक शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग से संबधित थी जिसमें थानेसर की निवासी उषा शर्मा ने शिकायत की थी कि वर्ष 2016 में विभाग में कार्यरत उनके पति की मृत्यु हो गई थी, इस पर सीएम विण्डों पर उनकी शिकायत पर विचार किया गया और उसके पश्चात उन्हें उनके हक को दिलवाया गया अर्थात उन्हें सभी तरह के लाभ दिलवाए गए।
डाॅ. गुप्ता ने बैठक के दौरान आदेश किए कि वे नगर एवं आयोजना विभाग की सचिव रिचा राठी को सीएम विण्डों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीएम-विण्डों पर आने वाली शिकायतों के जल्द निपटान के लिए एक अलग रणनीति अपनाई जाए, यदि कोई अधिकारी इन शिकायतो के निपटाने में आना-कानी करता है या कोताही बरतता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे अधिकारियों को निलम्बन करने में देर नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी भूपेश्वर दयाल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सीएम विण्डों पर शिकायतकर्ता को अपनी बात लिखने की आजादी दें, और उनके हस्ताक्षर करवाएं क्योंकि शिकायतकर्ता का संतुष्ट होना उसका हक है। उन्होंने कहा कि शिकायत का निपटान करते समय शिकायतकर्ता और प्रबुद्व नागरिक दोनों के हस्ताक्षर करवाएं तथा कार्यवाई की रिपोर्ट के साथ कारणों सहित टिप्पणी भी अवश्य दें। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में शिकायतकर्ता नहीं आते हैं उस स्थिति में विभाग के अधिकारी प्रबुद्व नागरिक के हस्ताक्षर करवा सकते है। इस मौके पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और सीएम विण्डों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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