राहुल गांधी ने सावरकर का ही नहीं महात्मा गांधी का भी अपमान किया : डॉ सतीश पूनियां

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 15 दिसम्बर 2019, 7:39 PM (IST)

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने आज रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ता सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कांग्रेस की फ्लॉप रेली मे राहुल गांधी के बयान मैं राहुल सावरकर नहीं हूं, राहुल गांधी हूं। इस पर पलटवार करते हुए कहा वीर सावरकर का नाम राहुल गांधी के नाम के साथ जोड़ने से सावरकर का अपमान होता है । गांधी टाइटल से कोई महान नहीं होता।

गांधी खानदान महात्मा गांधी के पांव की धूल के कण के भी बराबर नहीं है। इस खानदान की नौटंकी समाप्त होने का समय आ गया है। राहुल गांधी इतिहास की ऐसी भूल है, जिसने कांग्रेस को समाप्त करने का प्रण लिया है। गांधी जी ने भी कहा था कांग्रेस को समाप्त कर देना चाहिए। आज राहुल गांधी उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए इस तरह के वक्तव्य दे रहे हैं। ये कांग्रेस के बहादुर शाह जफर सिद्ध होंगे। वैचारिक रूप से कांग्रेस को और गांधी खानदान को जनता ने नकार दिया है। इनके पेट में तकलीफ यह है कि जो देशभक्त नाम और अनाम लोग थे, आज उनका महिमामंडन होता है, तो इन्हें अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अनर्गल बयान बाजी करनी पड़ती है, ताकि यह लोग जनता को भ्रमित कर सकें। किंतु जनता अब इनके बहकावे में नहीं आएगी। भारतीय जनता ने देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में सौंप रखा है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा रैली में आर.एस.एस व भाजपा पर दिए गए वक्तव्य पर कहा जब मुख्यमंत्री जी बोलते है तो लोग इधर- उधर उठकर जाने लगते हैं । उन्हें उबासी आने लगती है । नींद आने लगती है । कारण उनका भाषण घिसा पिटा और हर बार रटा- रटाया ही बोलते रहते हैं। यह मुख्यमंत्री कि पुरानी आदत है। वे अपने हर भाषण और वक्तव्य में भाजपा और आर.एस.एस को कोसने का ही काम करते हैं, जबकि राज्य की बुनियादी समस्याओं की ओर उनका ध्यान जाता ही नहीं है । प्रदेश की जनता समस्याओं से त्रस्त है । राज्य का विकास पूर्णतया ठप पड़ा है। जिसके चलते मुख्यमंत्री गहलोत जनता का ध्यान भटकाने के लिए सदैव अमर्यादित और विवादास्पद बयान देते रहते हैं।

डॉ पूनिया ने कहा कि पिछले दिनों मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन करने गया तो वहां पर एक हरे रंग का पोस्टर लगा हुआ था। जिस पर लिखा हुआ था रन फ़ॉर वन। मैने उस पोस्टर के लिए पूछा तो बताया गया कि जो विद्यार्थी दौड़ेगा वह साथ ही पेड़ लगाने का प्रण भी लेगा। वहां 1100 पेड़ लगाए गए। मुझे लगता है । ये असली विद्यार्थी परिषद के संस्कार हैं, जो पर्यावरण की चुनौती को इस तरीके से क्रियान्वित करने की कोशिश करते हैं ।चुनौतियां अभी और भी बहुत हैं। आदिवासी क्षेत्र में देखेंगे तो आपको पता लगेगा। ऐसा नहीं है कि सरकार बन गई तो सारी समस्याओं का निदान हो गया, सरकार ने बहुत सारे काम किए हैं और अब उनके उत्थान के लिए और भी कुछ करना है।

एक सपना तो हम सब लोगों का पूरा हुआ, जिसमें हम नारा लगाते थे कि जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है। वास्तव मैं अभिनंदन करूंगा हमारे प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री जी का 48 घंटे में 70 वर्षों की समस्या का समाधान कर दिया और भारत को एक ताकत दी।

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देश में बहस चलती थी, नागरिकता की। कांग्रेस ने पाखंड शुरू किया, गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन पूरी मजबूती के साथ उन तमाम भारतवंशी को जिनको सम्मान चाहिए था, जमीन चाहिए थी, जमीर चाहिए था, वह देने का काम मोदी सरकार ने किया। हमें कार सेवा में जाने का अवसर प्राप्त हुआ । तब मन में यह जज्बा जरूर होता था, यदि मंदिर बने तो हमारा संघर्ष सफल हो जाए । उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय के दौरान यह मार्ग प्रशस्त हुआ है, हमारे आस्था के केंद्र का मंदिर बनेगा। हमारे उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री सुनील बंसल जी उनकी साक्ष्य में उस मंदिर का निर्माण शुरू होगा।

हमारे प्रयासों से राज बदला है, अब समाज भी बदलना है। मुझे लगता है विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ता के नाते व्यक्तिगत सुख दुख में भागीदारी और उससे आगे बढ़कर समाज के सुख दुख में भागीदारी और विचार को प्रखरता के साथ मजबूती के साथ चुनौती के साथ जीवन में उतारना आज के स्नेह मिलन का दृढ़ संकल्प यही होगा । उन्होंने कहा कि कुछ लोग शौचालय निर्माण की बात पर उपहास करते हैं कि भारत का प्रधानमंत्री शौचालय बनाने की बात करता है लेकिन जब उन लोगों को शौचालय बनाने का वास्तविक विजन बताया कि इससे महिलाओं की अस्मिता की सुरक्षा होगी तो उन्होंने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की।

भारत में दस करोड़ शौचालय बनने से कितनी उन्नति हुई है। इसकी कल्पना नहीं कर सकते ।भारत बदल रहा है यह सरकार के लिए भी चुनौती है, उन तमाम राष्ट्रवादी संगठनों के लिए भी , उन व्यक्तियों के लिए उन संस्थाओं के लिए। आजादी के 75 वर्ष में भारत का मान और स्वाभिमान इतना प्रखर हुआ हूं उसके पीछे जो ताकत है हिंदुस्तान के 55 करोड़ नौजवान है। उन नौजवानों की छात्र शक्ति का नेतृत्व हम लोग करते हैं।

एक सकारात्मक छात्र शक्ति समाज की उन बुनियादी समस्याओं से लड़ने का उच्च विचार के साथ चल के भारत के इन 75 वर्षों को उस ताकत के रूप में तब्दील करने की ताकत रखती है। आज दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन हम हैं और विद्यार्थी के नाते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन है जिस तरीके से 1975 की उस आपातकाल के संघर्ष से लेकर, जेपी आंदोलन से विद्यार्थी परिषद मुखर और प्रखर हुई। मेरा पूरा भरोसा है 75 वर्ष की आजादी का इतिहास लिखा जाएगा और नौजवान शक्ति समाज के बदलाव का कारक बनेगी तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उस इतिहास का एक मजबूत हिस्सा होगी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ता सम्मेलन में, उत्तर प्रदेश के प्रदेश संगठन महामंत्री एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुनील बंसल , विशिष्ट अतिथि आनंद पालीवाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, सुरेंद्र नायक क्षेत्रीय संगठन मंत्री उत्तर पश्चिम क्षेत्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उपस्थित थे।