कैट ने प्रधानमंत्री से ई कामर्स पर एक मंत्रियों के समूह को गठित करने का आग्रह किया

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 05 दिसम्बर 2019, 5:00 PM (IST)

धर्मशाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार को भेजे गए एक पत्र में कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने ई-कॉमर्स कंपनियों विशेषकर अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट द्वारा केंद्र सरकार की एफडीआई नीति के निरंतर उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री से आग्रह किया है की वो इस बेहद ज्वलंत मुद्दे पर मंत्रियों का एक समूह का गठन करें।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने मंत्रियों के समूह के गठन का सुझाव देते हुए कहा कि प्रस्तावित समूह को ई कॉमर्स में व्याप्त विभिन्न मुद्दों और शिकायतों को गहराई से देखना चाहिए और जिन्हे सुलझाने के लिए आवश्यक उपायों की सिफारिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा की ई फार्मेसी के मामले में भी एक मंत्रियों के समूह का गठन किया गया था जिसके अध्यक्ष केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं ।
भरतिया और खंडेलवाल ने आगे कहा कि प्रस्तावित जीओएम उन कदमों को तय करने और अनुशंसा करने के लिए सही फोरम होगा जो ई-कॉमर्स कंपनियों को एफडीआई नीति का अक्षर और भाव दोनों से पालन करने के लिए बाध्य करेगा और उनके द्वारा चलाई जा रही अस्वस्थ बिक्री को तुरंत बंद करने के लिए भी बाध्य करेगा। प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति और इसके शीघ्र कार्यान्वयन और कैश ऑन डिलीवरी (सीओडी) प्रणाली के बजाय ई-कॉमर्स व्यवसाय में डिजिटल भुगतान को अनिवार्य बनाने पर विचार-विमर्श करे तथा जीओएम को सरकार को ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा जीएसटी और आयकर राजस्व के भारी नुकसान पहुचांने की शिकायतों से भी निपटना चाहिए। ई-कॉमर्स व्यवसाय के कारण देश में बेरोज़गारी के बढ़ने के पहलू पर भी विचार करना चाहिए।
प्रधान मंत्री को भेजे अपने पत्र में कैट ने दोहराया कि ई वाणिज्य कंपनियों द्वारा एफडीआई नीति के उल्लंघन, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, भारी डिस्काउंट देना, बिक्री को नियंत्रित करने, तरजीही विक्रेता प्रणाली, व इस तरह के कई अन्य कारणों से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा व्यापारियों के व्यापार को बड़ा नुक्सान पहुंचाया जा रहा है और केंद्र और राज्य सरकारों को भारी जीएसटी और आयकर राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। ई कॉमर्स का कारोबार ई-कॉमर्स कंपनियों के शातिर चंगुल की चपेट में में है जिसमें प्रमुख रूप से अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट छोटे व्यापारियों के व्यापार को नष्ट करते हैं और इससे बेरोजगारी का बड़ा नुकसान हो सकता है।
हालांकि कैट ने पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री द्वारा इस बारे में उठाये गए क़दमों की सराहना की है और कहा की कई मौकों पर उन्होंने कंपनियों को एफडीआई नीति का पालन करने की बहुत कड़ी चेतावनी दी है, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआई नीति का उल्लंघन कर रही हैं और उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर रही हैं ।

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