बाल संरक्षण के लिए सक्रिय प्रयासों की जरूरत: राघव शर्मा

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 04 दिसम्बर 2019, 5:51 PM (IST)

धर्मशाला। अतिरिक्त उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि बच्चों के लिए सरकार द्वारा बाल बालिका सुरक्षा योजना चलाई गई है। योजना के तहत 150 बच्चे लाभ उठा रहे हैं। राघव शर्मा बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सभी का सामूहिक दायित्व है कि बच्चों को स्वतंत्र एवं गरिमामय वातावरण उपलब्ध हो ताकि उनका स्वस्थ सर्वांगीण विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि बाल हितों को ध्यान में रखते हुए उनके संरक्षण में अधिकारियों को व्यक्तिगत संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए। बच्चों एवं किशोरों के प्रति बुरे बर्ताव और शोषण से उनकी रक्षा करने के लिए उनके प्रति दृढ़तापूर्वक अपनी सामाजिक-नैतिक जिम्मेदारी निभाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फरॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट के दायरे में आता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसा मामला ध्यान में आने पर तुरन्त पुलिस को सूचना दें।
एडीसी ने कहा कि किसी भी प्रकार के बाल शोषण की स्थिति में बच्चा या अभिभावक दूरभाष नम्बर 100 या टोल-फ्री नम्बर 1098 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को सम्पति के अधिकार को सुरक्षित किया जाएगा तथा जोखिम में रह रहे बच्चों के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।
एडीसी ने कहा कि हमारे समाज का भी यह दायित्व है कि हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाएं। उन्होंने स्कूलों में बाल संरक्षण कमेटी गठित करने को कहा। जिसमें उच्च पाठशाला के बच्चे भी सदस्य हों उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूलों में बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की बदस्लूकी व मारपीट न हो इस बात का ध्यान रखा जाए। उन्होंने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को घिनौने स्पर्श करने वाले या मिठाई, चाकलेट जैसे उपहार का प्रलोभन देने वाले अजनबी लोगाें से दूर रहने के बारे समझाएं। इसके साथ ही ऐसे मामलों के बारे में अपने अभिभावकों और अध्यापकों को भी तुरंत बताने के लिए कहें।
एडीसी ने कहा कि चाइल्डलाइन टॉल-फ्री नम्बर 1098, 18 वर्ष से कम आयु के उन बच्चों को 24 घंटे दिन-रात निःशुल्क सहायता प्रदान करती है जो अनाथ, असहाय, बेसहारा, घर से भागे हुए, जो तस्करी का शिकार हों, बाल श्रम करते हों, जो खराब हालत में फंसे हो तथा जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की जरूरत हो।
उन्होंने कहा कि संविधान में बच्चों को अन्य अधिकार भी प्रदान किए गए हैं तथा इन अधिकारों की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित बनाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि संविधान में शिक्षा का अधिकार तथा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत प्रदान अधिकारों के प्रति अधिकारियों को विशेष निगरानी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार एक्ट के तहत 14 वर्ष तक आयु के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना अनिवार्य बनाया गया है तथा इस एक्ट के तहत बनाए गये नियमों की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित करवाने के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने क्षेत्र में भिखारियों की बढ़ती हुई संख्या के मामलें सामने आने पर अपनी चिंता व्यक्त करते प्रशासन तथा पुलिस विभाग को नियमित तौर पर चेकिंग करने व ऐसी गतिविधियों पर तुरन्त रोक लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने मन्दिर परिसरों व मैक्लोडगंज क्षेत्र के आस पास भीख न मांगने वाले होर्डिग्सं लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को बच्चों के साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार अपनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर एएसपी आकृति शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी रणजीत सिंह, निदेशक चाइल्ड लाइन कांगड़ा एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य सचिव रमेश मस्ताना, विभिन्न विभागोें के अधिकारियों सहित विभिन्न आश्रमों के हितधारक मौजूद थे।

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