कथा बेले फेस्टिवल- जेकेके में नमामि गंगे की मनमोहन प्रस्तुति, देखे फोटो...

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 03 दिसम्बर 2019, 9:36 PM (IST)

जयपुर। जयपुर के कला एवं सांस्कृतिक केंद्र, जवाहर कला केंद्र (जेकेके) द्वारा आयोजित ‘कथा बेले‘ फेस्टिवल का तीसरा दिन कलाप्रेमियों के लिए सबसे विशेष रहा। लखनऊ कथक घराने की तकनीक से सुसज्जित ‘नमामि गंगे‘ प्रस्तुति में पावन गंगा का मनमोहक अवतरण हुआ। दिल्ली की डॉ. कविता ठाकुर की संकल्पना और निर्देशन में आयोजित इस प्रस्तुति ने कलाप्रेमियों को भावविभोर और आनंद से भर दिया। कार्यक्रम में गत निकास, तिहाईयां, टुकडे, प्रमेलु, आदि को आकर्षक ढंग से पिरोया गया। कार्यक्रम में पं. बिरजू महाराज, यश मालवीय एवं रायगढ घराने के महाराजा देवधर सिंह द्वारा लिखित कविता का प्रयोग बेहद सुंदर तरीके किया गया। इस अवसर पर जेकेके की महानिदेशक किरण सोनी गुप्ता भी उपस्थित थी।

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ताल चौताल राग दुर्गा में ‘देवि सुरेश्वरि भगवति गंगे‘ गीत से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसके पश्चात जीवनदायिनी, मोक्षदायिनी एवं त्रिभुवनतारिणी गंगा नदी का परिचय देते हुए डॉ. कविता ने ताल तीन ताल राग शहाना पर ‘चंचल चाल चपल है मेरी‘ गीत पर मनमोहक नृत्य पेश किया। कार्यक्रम के दौरान भागीरथ की तपस्या, हिमगिरी का वर्णन, गंगा का धरती पर अवतरण, गंगा सागर में विलय होने की महान यात्रा को दर्शाया गया। गंगा की इस यात्रा से आई खुशहाली को लोक धुनों का उपयोग अनोखा था। इसके पश्चात् कलाकारों ने वर्तमान में गंगा नदी की चुनौतियों एवं दुर्दशा का जीवंत प्रदर्शन किया। लोगों में इस आशा एवं विश्वास के संचार के साथ की गंगा के गौरव का फिर से संचार होगा कार्यक्रम का समापन हुआ। प्रस्तुति के दौरान राग पूरिया धनाश्री, राग देस एवं राग बसंत का उपयोग उल्लेखनीय है।

कार्यक्रम में नृत्य करने वाले कलाकारों में डॉ. कविता ठाकुर के अतिरिक्त दामिनी, अनुपमा, झलक, अस्मिता, सृष्टि, मयूक भट्टाचार्य, संदीप, आकाश, दीपक एवं चंचल शामिल थे। कार्यक्रम में संगीत अमान अली का था।
बुधवार को डॉ. शशि सांखला पेश करेगी ‘जयति केशवम‘:
‘कथा बेलेे‘ के अंतिम दिन बुधवार को सायं 6.30 बजे जयपुर की डॉ. शशि सांखला द्वारा ‘जयति केशवम‘ पेश किया जाएगा। यह नृत्य प्रस्तुति कवि जयदेव के ‘गीत गोविंदम’ के ‘अष्टपदी’ पर आधारित एक प्रयोगात्मक प्रस्तुति है। इस प्रस्तुति के माध्यम से धर्म स्थापना के लिए भगवान के विभिन्न अवतारों को प्रतिपादित किया गया है। इस प्रस्तुति के विभिन्न चरणों में कथक की आठ प्रमुख ताल को अत्यंत सुंदर तरीके से समायोजित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय ‘कथा बेले‘ फेस्टिवल के प्रथम दिन दिल्ली की रचना यादव की संकल्पना और कोरियोग्राफी पर आधारित ‘आराध्या‘ प्रस्तुति हुई थी। फेस्टिवल के दूसरे दिन मंगलवार को दिल्ली के पंडित हरीश गंगानी द्वारा कोरियोग्राफ एवं निर्देशित भक्त शिरोमणि ‘मीरा‘ की प्रस्तुति हुई थी। मध्यवर्ती में आयोजित इस फेस्टिवल में दर्शकों का प्रवेश निशुल्क है।