प्रयोगशालाओं में ही प्रयोग न करें, जीवन में भी प्रयोग करने के लिए तैयार रहें- मुग्धा सिन्हा

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 30 नवम्बर 2019, 8:28 PM (IST)

जयपुर। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा कि असफलता, सफलता का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया और कहा कि केवल प्रयोगशालाओं में ही प्रयोग न करें, जीवन में भी प्रयोग करने के लिए तैयार रहे। सिन्हा शनिवार को कनोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं। जहां रसायन विज्ञान विभाग, कनोरिया पीजी महिला महाविद्यालय द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम (29 व 30 नवम्बर ) इन्टरनेशनल ईयर ऑफ पिरियोडीक टैबल - न्यो ‘‘योवर एलिमेन्ट्स‘‘ के राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव ने बताया कि वर्ष 1869, रूसी वैज्ञानिक दिमित्री मेंडेलीव द्वारा पिरियोडीक टैबल की खोज के वर्ष के रूप में माना जाता है। रासायनिक तत्वों की आवर्त सारणी की स्थापना कि 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर वर्ष 2019 को इन्टरनेशनल ईयर ऑफ पिरियोडीक टैबल के रूप में घोषित किया गया है।
कॉन्फ्रेंस में सिन्हा ने कहा कि आज का विज्ञान कल की तकनीक है और इसलिए हम सभी को यह समझना चाहिए कि हमारा भविष्य प्रौद्योगिकी के हाथों में है। उन्होेंने छात्रों से कहा कि जब आप अपने कॉलेज और घर के सुरक्षित वातावरण से बाहर निकलेंगे और आप दुनिया की असली परीक्षा का सामना करेंगे, उस समय आपको अपने अंदर के तत्व पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी जो आपको दूसरों से अलग बनाता है। इसलिए हम सभी को स्वयं के तत्व को जानना चाहिए और उस तत्व को बहुत उज्ज्वल रूप से चमकना चाहिए। जिससे सही समय पर हम चुनौतियों का सामना करे और खुद को साबित कर सके।
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया और कहा कि राजस्थान सरकार ने अवसर, इन्सपायर जैसी विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के उत्थान के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार इन दिनो STATRUPS शुरू करने और शोध करने के लिए भी मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि आज रसायन विज्ञान कि मदद से नई तकनीकों को विकसित किया जा रहा है। जिससे कम लागत में प्रभावी तकनीके उप्लबध है जो कि जीवन को सरल बनाती है। इस अवसर पर ईसरो के रिटार्यड विज्ञानिक डॉ. एम.आर.आर प्रशाद ने कहा कि युवाओं के पास आज के दौर में अनगिनत अवसर उपलब्ध है और उन्हे समाज के लिए भी कार्य करना चाहिए।
दो दिवसीय कार्यक्रम में 29 निवम्बर को प्रश्नोत्री का आयोजन किया गया था । इसके बाद पिरियोडीक टैबल के 150 वर्ष पूर्ण - विषय पर तकनीकि सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 9 कॉलेजों के छात्र- छात्राओं ने भाग लिया और अपने-अपने मॉडल्स प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कारों का वितरण किया गया।
इस अवसर पर राजस्थान यूनिवर्सिटी के कैमेस्ट्री डिपार्टमेन्ट के पूर्व एचओडी प्रो. पी.एस वर्मा, महाराजा कॉलेज की प्रिन्सीपल डॉ. निलिमा गुप्ता, कनोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय की निदेशक डॉ. रश्मी चतुर्वेदी, प्रिन्सीपल डॉ. शिमा अग्रवाल कॉलेज के लेक्चरर और छात्र - छात्राएं मौजूद थे।

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