SC ने लगाई दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सरकार को फटकार, कहा- लोग गैस चैंबर में रहने को मजबूर

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 25 नवम्बर 2019, 4:01 PM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली में एक महीने से भी ज्यादा समय से वायु प्रदूषण का मुद्दा छाया हुआ है। हालांकि सरकार इसे रोकने के लिए काफी प्रयास कर रही है, लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर प्रदूषण मामले पर सुनवाई की। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में पेश हुए। जस्टिस अरुण मिश्रा ने उनसे पूछा कि क्या अभी भी पंजाब में पराली जलाई जा रही है तो उन्होंने कहा कि हां।

जस्टिस मिश्रा ने कहा कि यह लगातार बढ़ रहा है, इसलिए हमने आपको यहां बुलाया है। ये क्यों बढ़ रहा है? आप हमें ये बताइए कि हम आप पर जुर्माना क्यों न लगाएं जो कि ऊपर से नीचे तक के सभी अफसरों से लिया जाए। हमारे आदेश के बावजूद यह हो रहा है। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि हम इसे रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कृषि विभाग ही नहीं बल्कि कॉर्पोरेशन भी काम कर रहा है। हमने किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल देने के लिए मना लिया है।

इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हर कोई जानता है कि दिल्ली में क्या हो रहा है? अगर कोई प्रयास नहीं किए गए तो यह अगले साल भी होगा। आप अगर इसका समाधान नहीं कर पा रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि दिल्ली-एनसीआर के लोग मरते रहें और कैंसर के शिकार हों। आप क्या कर रहे हैं, पानी और हवा के प्रदूषण को रोकने के लिए आपने क्या किया है। कहां है रिपोर्ट आप बताइए हमें। लोगों को गैस चैम्बर में रहने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है?

लोग इस देश पर हंस रहे हैं। मारना ही है तो उन्हें एक बार में ही मार दीजिए। एक बार 15 बैग में एक्सप्लोजिव ले आइए। लोग क्यों इस चीज से सफर करें। जस्टिस अरुण मिश्रा ने सीपीसीबी को आदेश दिया कि वह दिल्ली में चल रही फैक्ट्रियों के प्रदूषण पर पडऩे वाले प्रभाव की एक रिपोर्ट कोर्ट में फाइल करें। साथ ही रिपोर्ट में ये भी बताया जाए कि दिल्ली में कैसे कारखाने चल रहे हैं।

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जस्टिस मिश्रा ने कहा कि किसी के द्वारा कुछ नहीं किया जा रहा। कोई समाधान नहीं ढूंढा जा रहा। सिर्फ ब्लैम गेम खेला जा रहा है। जस्टिस ने पूछा दिल्ली में पानी की स्थिति क्या है? हम इसका स्वत: संज्ञान लेंगे। पानी के प्रदूषण पर दिल्ली में सिर्फ राजनीति हो रही है। एक-दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस देश में जिंदगी इतनी सस्ती नहीं है और आपको इसका मुआवजा देना होगा।

कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि अपने मतभेद को एक तरफ रखकर एक साथ बैठिए और 10 दिन में एक योजना तैयार कीजिए कि किस तरह दिल्ली में एयर प्यूरीफायर टॉवर्स अलग-अलग जगह लगाए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से भी कहा कि पराली जलाने के मामले कैसे बढ़ गए। एससी ने कहा, आपने पराली जलाने को रोकने के लिए अच्छा काम किया तो ये मामले बढ़ कैसे गए? पंजाब और हरियाणा दोनों ही कुछ नहीं कर रहे हैं।