झारखंड : सरायकेला की घटना से सबक लेती तो लातेहार में बच जाती पुलिस!

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 23 नवम्बर 2019, 3:09 PM (IST)

रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करा दी है। लातेहार के चंदवा में शुक्रवार रात नक्सलियों ने पुलिस के पीसीआर वैन पर हमला कर दिया, जिसमें एक एएसआई सहित चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए। कहा जाता रहा है कि अगर जून में सरायकेला के कुकरूहाट में नक्सलियों के हमले से पुलिस ने सीख ली होती, तो नक्सली अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाते। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों ने रात में चंदवा के लुकुइया मोड़ पर पुलिस के पीसीआर वैन पर उसी तरह हमला किया, जिस तरह 14 जून को सरायकेला के कुकरूहाट में पुलिस टीम पर हमला किया गया था।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सरायकेला के साप्ताहिक कुकरूहाट बाजार तथा आसपास के क्षेत्रों में नक्सलियों की आवाजाही कम थी, जिस कारण पुलिस निश्चिंत थी। 14 जून को भी पुलिस का दल कुकरूहाट बाजार पहुंचा था और नक्सलियों ने अचानक हमला कर दिया था, जिसमें पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

चंदवा में शुक्रवार रात घटी घटना को भी नक्सलियों ने पुलिस को कुछ इसी तरह जाल में फंसाा कर अंजाम दिया है।

झारखंड की राजधानी रांची से करीब 75 किलोमीटर दूर चंदवा में शुक्रवार को भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष ज़े पी़ नड्डा की चुनावी सभा थी, जिस कारण दिनभर नेताओं की आवाजाही इस मार्ग पर बनी रही। पुलिस इस कार्यक्रम के समाप्त हो जाने के बाद आश्वस्त हो गई थी कि कार्यक्रम संपन्न हो गया।

पुलिस की टीम पीसीआर वैन से जब रात में गश्त कर रही थी, तभी नक्सलियों ने पीसीआर को निशाना बनाया, जिसमें एक एएसआई सहित चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

पुलिस सूत्र हालांकि यह भी कहते हैं कि भाकपा (माओवादी) के रविन्द्र गंझु के दस्ता के पास में ही होने की जानकारी पुलिस को मिल गई थी, परंतु पुलिस सतर्क नहीं हुई थी। सूत्रों का दावा है कि नक्सलियों ने उस समय पुलिस वैन पर हमला किया, जब पीसीआर वैन खड़ी थी।

झारखंड के पुलिस महानिदेशक क़े एऩ चौबे ने भी शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और पुलिस लाइन जाकर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्घांजलि अर्पित की।

चौबे ने शनिवार को कहा कि इस घटना को अंजाम देने वालों की पहचान कर ली गई है, और समय जितना भी लगे, लेकिन उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने दावा किया कि अब अपनी पहचान बनाए रखने के लिए नक्सली एक-दो ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी हो, वह ज्यादा दिन तक नहीं बच सकता है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार देर शाम चंदवा थाना क्षेत्र के लुकुइया गांव में नक्सली हमले में चंदवा थाना में पदस्थापित एसआई सुकरा उरांव समेत चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए। शहीद होने वालों में वैन चालक यमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सकेंद्र सिंह भी शामिल हैं।

--आईएएनएस

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