लखनऊ। समजावादी सरकार में बनी आवासीय योजना के मकानों को कम दामों में बेचने की कवायद शुरू की जा रही है। प्रदेश में बहुत मात्रा में खाली पड़े मकानों के दाम घटाकर उन्हें बेचने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। प्रमुख सचिव (आवास) दीपक कुमार ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि विकास प्रधिकरण की आय बढ़ाने के लिए समाजवादी आवास योजना में जो मकान बनकर खाली पड़े हुए हैं, उनकी कीमत घटा कर उन्हें बेचा जाएगा और इस पर काम शुरू कर दिया गया है।
आवास विभाग का मानना है कि इससे मकान भी निकल जाएंगे और विकास प्राधिकरणों का फंसा पैसा भी निकल आएगा। इसके लिए विभाग नए सिरे से आवदेन निकालेगा। उल्लेखनीय है कि सपा सरकार के दौरान तीन लाख मकान बनाने का लक्ष्य प्रदेशभर के विकास प्राधिकरणों को दिया गया था।
समाजवादी आवास योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो जून, 2016 को शुरू की थी। इस योजना में 15 से 30 लाख रुपये के बीच मकान बनाकर दिया था रहा था, लेकिन अब यह योजना बंद हो चुकी है। इस योजना में अभी भी काफी मकान हैं।
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गाजियाबाद में सबसे अधिक करीब 1000 ऐसे मकान हैं। इसके अलावा लखनऊ, कानपुर,
आगरा, मेरठ जैसे शहरों में समाजवादी आवास योजना के मकान बने हुए हैं। इनके
दाम घटाने की योजना बन रही है। दीपक कुमार के अनुसार, इस योजना में करीब
10000 मकानों को कीमत गिरा कर बेचा जाएगा। इन मकानों पर लगने वाला ओवरहेड
और आकस्मिकता शुल्क 15 फीसदी से घटा कर तीन फीसदी किया जाएगा। इससे मकानों
की कीमत में दो-तीन लाख रुपये अंतर आने की संभावना है। आवास विभाग ने विकास
प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को इस संबंध में निर्देश दे दिया है।