इंदौर। विराट कोहली ने शनिवार को बांग्लादेश के खिलाफ होल्कर स्टेडियम में अपने नेतृत्व में भारत को पारी और 130 रनों से जीत दिला कप्तान के तौर पर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वे भारत के लिए सबसे ज्यादा बार पारी से टेस्ट मैच जीतने वाले कप्तान बन गए हैं। यह कोहली की कप्तान के तौर पर 10वीं पारी से जीत है।
उन्होंने इस मामले में महेंद्र सिंह धोनी, सौरव गांगुली और मोहम्मद अजहरुद्दीन को पीछे छोड़ा है। धोनी ने नौ बार अपनी कप्तानी में भारत को पारी से जीत दिलाई थी। अजहर ने आठ बार जबकि गांगुली ने सात बार अपनी कप्तानी में भारत को इस तरह से जीत दिलाई थी। कोहली हालांकि इस मैच में बल्ले से विफल रहे थे और अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे।
उनकी विफलता टीम पर हावी नहीं पड़ी क्योंकि सलामी बल्लेबजा मयंक अग्रवाल ने 243, उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 84, रवींद्र जडेजा ने नाबाद 60 और चेतेश्वर पुजारा ने 54 रन बना टीम को विशाल स्कोर दिया था। गेंदबाजों ने भी दमदार प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश को पहली पारी में 150 रनों पर ढेर कर दिया और दूसरी पारी में भी 213 के कुल स्कोर से आगे नहीं जाने दिया।
हमारे गेंदबाज किसी भी विकेट को अच्छा बना सकते हैं : कोहली
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विराट कोहली ने कहा कि उनके गेंदबाजों में वो काबिलियत है कि वे किसी भी
विकेट को अच्छा साबित कर सकते हैं। भारतीय गेंदबाजों ने दोनों पारियों में
बांग्लादेशी बल्लेबाजों के नाक में दम कर रखा था। मैच के बाद पुरस्कार
वितरण समारोह में कोहली ने कहा, मुझे नहीं पता कि क्या कहना है। पूरी टीम
ने एकतरफा प्रदर्शन किया। टीम बेशक शानदार खेल रही है। मैं वो नहीं कह
सकता, जो लोग टीवी पर नहीं देख रहे हैं।
मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा और उमेश
यादव के तेज गेंदबाजी आक्रमण ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को ज्यादा टिकने
नहीं दिया। कोहली ने इन तीनों के बारे में कहा, ये खिलाड़ी अपने खेल के
शीर्ष पर हैं। जब वे गेंदबाजी करते हैं तो ऐसा लगता है कि पिच अच्छी है।
जसप्रीत टीम में नहीं है, लेकिन यह किसी भी कप्तान के लिए बेहतरीन संयोजन
है। किसी भी टीम में इस तरह का मजबूत गेंदबाजी आक्रमण होना शानदार है।
भारत
की इस जीत में सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल का भी अहम योगदान रहा है
जिन्होंने इस मैच में 243 रनों की पारी खेली। कोहली ने मयंक की तारीफ करते
हुए कहा, मानसिकता साफ है, जब आप एक युवा खिलाड़ी को बल्लेबाजी के लिए आते
हुए देखते हो, टेस्ट में मुझे पता है कि इस तरह की बड़ी पारियां खेलने में
कितना समय लगता है। एक सीनियर बल्लेबाज के तौर पर यह जरूरी है कि आप उन्हें
खेलने दें। मैं चाहता हूं कि यह लोग वो गलतियां नहीं करें जो मैंने की थी।
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