पटना/दुबई। चर्चित शिक्षण संस्थान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार
ने बुधवार को दुबई में कहा कि सहनशीलता खुशहाल जीवन जीने का सार है। यह एक
शिक्षित और प्रसन्न मन के साथ आता है, जो हमें परिस्थितियों के अनुकूल
बनाना सिखाता है। आनंद ने बुधवार को दुबई में आयोजित 'ग्लोबल टॉलरेंस समिट'
को संबोधित करते हुए कहा कि सहनशीलता के लिए बहुत आंतरिक शक्ति और दृढ़
विश्वास की आवश्यकता होती है, जबकि असहिष्णुता के लिए सिर्फ क्रोध की
आवश्यकता होती है, जो किसी के पास भी हो सकती है।
यहां जारी बयान के
अनुसार, आनंद ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही
सहिष्णुता का पाठ सिखाती है और शालीनता के गुण को बढ़ाती है। उन्होंने कहा
कि शिक्षा से आंतरिक शक्ति और विश्वास बढ़ता है।
बयान के अनुसार,
उन्होंने कहा कि दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए शिक्षा ही एकमात्र
साधन है, क्योंकि यह अकेले दिमाग को रोशन करने की शक्ति देती है। आनंद ने
कहा कि यह जीवन कौशल को ही नहीं सिखाती, बल्कि समाज के वंचित वर्गो में
पीढ़ीगत परिवर्तन लाने में भी सक्षम है।
आनंद ने कहा, "आज दुनिया
में असहिष्णुता के मामले बढ़े हैं। दुनिया पलायनवादी हो रही है, क्योंकि यह
वास्तविक मुद्दों से निपटना नहीं चाहती है, 'शॉर्टकट्स' चुनती है।
असहिष्णुता के बढ़ते मामलों के मूल में गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, अशिक्षा आदि
के बुनियादी मुद्दे बने रहते हैं। अगर दुनिया बुनियादी मुद्दों पर ध्यान
दे तब बेहतर दुनिया का निर्माण हो सकता है।"
आनंद ने कहा, "ज्ञान के
साथ, व्यक्ति अधिक समझदार हो जाता है और तर्क से सब कुछ देखना शुरू कर
देता है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्माण, साथी मनुष्यों के प्रति
सम्मान, भेदभाव को दूर करने और विश्वास की कमी को समाप्त कर समाज को मजबूत
करता है।"
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रधानमंत्री और दुबई के
शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने सहिष्णुता को प्रोत्साहित करने के
लिए इस वैश्विक पहल की शुरुआत की है।
उल्लेखनीय है कि आनंद को गरीबी के खिलाफ शिक्षा का उपयोग करके सामाजिक परिवर्तन लाने के प्रयासों की सूची में शामिल किया गया था।
दो
दिवसीय इस समिट (सम्मेलन) में चर्चित नेताओं के अलावा सार्वजनिक और निजी
क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्ति और समाज में उल्लेखनीय परिवर्तन करने वाले लोग
भाग ले रहे हैं।
--आईएएनएस
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