सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय अब RTI के दायरे में आएगा

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 13 नवम्बर 2019, 3:16 PM (IST)

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) कार्यालय को सार्वजनिक कार्यालय बताते हुए उसे सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे में करने का आदेश दिया। अब मुख्य न्यायाधीश (CJI) का ऑफिस भी सूचना के अधिकार यानी RTI के तहत आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें कुछ नियम भी जारी कर दिए हैं। फैसले में कहा गया है कि CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है, इसके तहत ये RTI के तहत आएगा। हालांकि, इस दौरान दफ्तर की गोपनीयता बरकरार रहेगी।


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि RTI के तहत जवाबदारी से पारदर्शिता और बढ़ जाएगी। इससे न्यायिक स्वायत्तता, पारदर्शिता मजबूत होगी। SC ने कहा कि इससे ये भाव भी मजबूत होगा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, और सुप्रीम कोर्ट के जज भी नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है।

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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जे. खन्ना, जस्टिस गुप्ता, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस रम्मना वाली पीठ ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा 2010 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस संजीव खन्ना के द्वारा लिखे फैसले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता ने सहमति जता दी है। हालांकि, जस्टिस रमन्ना और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ मुद्दों पर अपनी अलग राय व्यक्त की।



सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कोलेजियम के नियमों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाला जाएगा। फैसला पढ़ते हुए जस्टिस रम्मना ने कहा कि RTI का इस्तेमाल जासूसी के साधन के रूप में नहीं किया जा सकता है।