नई दिल्ली। छात्र राजनीति का गढ़ माने जाने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू में एक बार फिर बवाल मचा हुआ है। बवाल की जड़ में है विवि प्रशासन द्वारा जारी किया गया हॉस्टल ड्राफ्ट मैनुअल, जिसे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपनी शान-ओ-सहूलियतों के खिलाफ समझ रहे हैं। नए हॉस्टल ड्राफ्ट मैनुअल का जिन्न इस कदर जेएनयू प्रशासन के गले की फांस बन जाएगा, जेएनयू की चारदीवारी में कल तक इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
नए हॉस्टल ड्राफ्ट मैनुअल में कई पाबंदियां और तमाम मदों में फीस बढ़ोत्तरियां की गई हैं। इस मुद्दे पर सोमवार को भी विद्यार्थियों ने जमकर बवाल काटा। छात्रों के गुस्से के मद्देनजर विवि के चारों ओर केंद्रीय सुरक्षा बल और दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात कर इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। इस नए हॉस्टल ड्राफ्ट मैनुअल के मुताबिक, मैस, बिजली बिल, साफ-सफाई यानी सैनीटेशन की फीस बढ़ा दी जाएगी।
इतना ही नहीं इस मैनुअल के अनुसार अब रात 10 से 10.30 बजे के बीच विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। रात के वक्त कोई भी विद्यार्थी एक-दूसरे के कमरे में नहीं जाएगा। अगर ऐसा करना है यानी पार्टनर शेयरिंग सिस्टम जो विद्यार्थी अमल में लाएंगे, उन्हें ज्यादा फीस भरनी पड़ेगी। यह बढ़ी हुई फीस 20 रुपए से 300 रुपए कर दी गई है। हालांकि यह फीस बढ़ोत्तरी करीब 15 साल बाद की गई है।
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सडक़ों पर आकर चीख-पुकार मचा रहे जेएनयू के ये विद्यार्थी इस नए हॉस्टल
ड्राफ्ट मैनुअल को खुद पर बोझ मान रहे हैं। जबकि अब तक औनी-पौनी फीस में
विद्यार्थियों को सुविधाएं देने वाला जेएनयू प्रशासन इसे घाटे का सौदा मान
रहा है। अपनी पर अड़े हुए जेएनयू के विद्यार्थी इस मुद्दे पर विवि के वाइस
चांसलर से मिलना चाहते हैं। लेकिन वाइस चांसलर हैं कि किसी भी कीमत पर
फिलहाल इनके बेहद बिगड़े हुए रवैये के जारी रहने तक इनसे मिलने को कतई राजी
नहीं हैं। इस पूरे बवाल के बीच, 20 घंटे तक जेएनयू कैंपस में एसोसिएट
महिला डीन बंधक बनाकर रखी गईं, और अब आगे फिर कोई नई मुसीबत नहीं आएगी,
इसकी गारंटी इन बदतर हालातों में भला कोई कैसे और क्यों लेगा?
(IANS)