महाराष्ट्र : समर्थन के बदले एनसीपी ने रखी शर्त- NDA छोड़ें शिवसेना

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 10 नवम्बर 2019, 6:30 PM (IST)

मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा द्वारा सरकार बनाने से आधिकारिक तौर पर इंकार किए जाने के बाद राज्य में एक नया राजनीतिक हालात यह पैदा हो रहा है, जहां कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना-राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) की सरकार बनने की एक संभावना बन सकती है। जयपुर में कांग्रेस विधायकों की बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को कोई भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। सूत्रों ने कहा है कि अधिकांश विधायक सेना के नेतृत्व वाली सरकार को शर्तो के साथ समर्थन देने के पक्ष में हैं। पार्टी के राज्य प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे राजनीतिक हालात के बारे में सोनिया गांधी को जल्द ही अवगत कराएंगे।

महाराष्ट्र के एक पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी एक कांग्रेस सूत्र ने कहा, एक संभावित परिदृश्य में सेना-राकांपा की सरकार कांग्रेस के समर्थन से बन सकती है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष का पद राकांपा के पास हो सकता है। कांग्रेस की रणनीति शरद पवार के परामर्श पर निर्भर होगी, जो मंगलवार को राकांपा विधायकों की बैठक के बाद सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं।

कांग्रेस सूत्रों ने यहां कहा कि पार्टी शिवसेना से बातचीत पर तभी विचार करेगी, जब वह भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो जाएगी और केंद्रीय कैबिनेट में उसके एक मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दे देंगे।

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा, कांग्रेस को राज्य में उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार करना चाहिए। शिवसेना ने एक तरह के सुलह और संवाद का रास्ता साफ करने के लिए अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा है कि कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है।

इस बीच, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों से मुलाकात की और राजनीतिक हालात पर चर्चा की। विधायकों को मुंबई के एक होटल में रखा गया है। अब सारी नजरें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार पर है, जो मंगलवार को अपने विधायकों से मुलाकात करने वाले हैं। राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, "हम उसी दिन इस मामले पर विचार करेंगे।"

मलिक ने कहा, यदि भाजपा-शिवसेना सरकार बनाते हैं तो हम विपक्ष में बैठेंगे। अन्यथा हम एक वैकल्पिक सरकार की संभावना तलाशेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने रविवार को ट्वीट किया, महाराष्ट्र के राज्यपाल को चाहिए कि अब दूसरे सबसे बड़े गठबंधन राकांपा-कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करे, क्योंकि भाजपा-शिवसेना ने सरकार गठन से इंकार कर दिया है। नवनिर्वाचित महाराष्ट्र विधानसभा में 105 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। जबकि शिवसेना के पास 56, राकांपा के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं।

राज्यपाल ने सरकार के लिए शिवसेना को दिया न्यौता
महाराष्ट्र में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार बैठकों और कई तरह के समीकरण लगाने के बावजूद अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है। ऐसे में सरकार के गठन पर तलवार लटकी हुई है। इस बीच रविवार शाम भाजपा नेताओं ने बैठक के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की।

इसके बाद भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है। हम सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं। शिवसेना सेना चाहे तो कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ सरकार बना सकती है। भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जनता ने हमें जनादेश दिया, जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त था।

राज्यपाल ने शनिवार को सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते हमें न्यौता दिया, लेकिन शिवसेना हमारे साथ सरकार बनाने की इच्छुक नहीं है। हम भी अकेले सरकार नहीं बना सकते। हमने राज्यपाल को यह जानकारी दे दी है।

सरकार बनाने से भाजपा के मना करने के बाद अब राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना से सरकार बनाने के लिए पूछा है। राजभवन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि क्या शिवसेना सरकार बनाना चाहती है।

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भाजपा के इस फैसले के बाद शिवसेना ने कहा कि पहले वह कहती थी कि मुख्यमंत्री उसी का होगा अब वह पीछे हट गई तो सरकार कौन बनाएगा। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वो कहते थे सीएम हमारा होगा। हमने इसका स्वागत किया था। लेकिन मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि आज दोपहर शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने साफ कहा था कि आने वाले दिनों में सीएम शिवसेना का होगा। इसका मतलब साफ है कि हम किसी भी कीमत पर राज्य को शिवसेना का सीएम देंगे। कांग्रेस या एनसीपी से गठबंधन के सवाल पर राउत ने कहा कि हम अभी विचार करेंगे।