भारत के युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं - ओम बिरला

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 10 नवम्बर 2019, 2:27 PM (IST)

भुवनेश्वर । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलोजी (केआईआईटी) के 15वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में युवाओं की बड़ी संख्या हमारे लिए लाभकारी है और हमारे युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। इस वार्षिक दीक्षांत समारोह में वर्ष 2018-19 में पढ़ाई पूरी करने वाले 6578 छात्रों को बैचलर, मास्टर्स और पीएचडी की डिग्रियाँ दी गईं। इस समारोह में अन्य विशिष्टजनों के साथ साथ ओडिशा विधान सभा के अध्यक्ष, डॉ सूरज्या नारायण पात्रो और सांसद अपराजिता सारंगी भी शामिल हुए।

बिरला ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय प्रोफेशनल बहुत ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं और अपनी कंपनियों के साथ-साथ पूरे विश्व में इस उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। उन्होने कहा कि नई प्रौद्योगिकी का विकास प्रगति के लिए अनिवार्य हो गया है और भारत के युवा अपनी शिक्षा, कौशल और प्रेरणा से देश को खुशहाल बना सकते हैं।

उन्होंने केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक, प्रोफेसर अच्युत सामंत को कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसिज़ के माध्यम से 30,000 आदिवासी बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि एक ओर केआईआईटी महत्वाकांक्षी युवा पीढ़ी को विश्व स्तर की उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है तथा दूसरी ओर, केआईएसएस आदिवासी बच्चों को शिक्षा और कौशल प्रदान करके उन्हें सशक्त बना रहा है। प्रोफेसर सामंत ने अपना सारा जीवन सुविधा से वंचित आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने के लिए समर्पित कर दिया। वह लोक सभा में उनके प्रतिनिधि के रूप में लोगों की सेवा भी उतनी ही लगन से कर रहे हैं और राष्ट्र के पुनर्निर्माण में सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

छात्रों को शुभकामनाएँ देते हुए, मानद विश्वविद्यालय, केआईआईटी के कुलाधिपति, प्रोफेसर वेद प्रकाश ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा,” केआईआईटी को देश में उच्च शिक्षा में डिग्री प्रदान कर रहे लगभग 900 संस्थानों में से इन्स्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के रूप में चुना गया है। लगभग पंद्रह वर्ष के छोटे से अरसे में ऐसी मान्यता प्राप्त होना सराहनीय उपलब्धि है।“ उन्होने छात्रों से कहा कि वे भी प्रोफेसर अच्युत सामंत द्वारा प्रदर्शित सेवा, त्याग, प्रतिबद्धता, लगन और सुविधाविहीन वर्गों के लिए स्नेह के मूल्यों को आत्मसात करें।

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