डायबिटिज रिवरसल से 50 प्रतिशत मरीजो को फायदा

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 09 नवम्बर 2019, 2:20 PM (IST)

जयपुर । 47वीं वार्षिक भारत में डायबिटिज के अध्ययन के लिए अनुसंधान सोसाइटी की कांफ्रेंस 2019 (आर एस एस डी आई) में दिल्ली के, डायबिटीज कियर विशेषज्ञ डॉ. अमित गुप्ता, इस तरह की कॉन्फ्रेंस से मेडिसिन फील्ड में मेडिकल के जो नए स्टूडेंट और फ्रैशर्स होते हैं उनको भी एक तरह का मोटिवेशन मिलता है किस दिशा में उन्हें स्टडी करनी है किस एरिया में उन्हें रिसर्च करना चाहिए।


उन्होंने कहा कि आजकल एविडेंस लर्निंग का जमाना है एविडेंस मेडिसिन का जमाना है। जहां पर हम तथ्यों के आधार पर ही कोई दवाई देते हैं या नहीं देते हैं। इन सब चीजों के ऊपर गहन डिस्कशन होता है तो डॉक्टर और बेहतर ढंग से मरीज का इलाज कर पाता है। वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुकी है और आने वाले समय में टेक्नोलॉजी बड़ा रोल प्ले करेगी डायबिटीज के पेशेंट के मैनेजमेंट में।

मुंबई से विशेषज्ञ डॉ. मनोहर चावला के अनुसार इस बार अटेंडेंस पहले से बेहतर है, जो रिसर्च पेपर आए हैं, वह पहले से बेहतर है। इसका मतलब है कि डॉक्टर्स भी अपने हॉस्पिटल में कॉलेज में रिसर्च के लिए खुद काम कर रहे हैं जो पहले नहीं होता था। डायबिटीज में कांसेप्ट चेंज हो रहे हैं। पहले डायबिटीज में शुगर पर ध्यान देते थे, मैनेजमेंट पर ध्यान देते थे, अब कांसेप्ट थोड़े चेंज हुए हैं। डायबिटीज में शुगर मैनेजमेंट के अलावा आउटकम रिवर होते जा रहे हैं। डायबिटीज से आगे जाकर कॉम्प्लिकेशन ना हो, हार्ट डिजीज, डेथ ना हो, स्टोक ना हो इस पर पूरी तरह से शिफ्ट हो गई है। इसके हिसाब से भी आज ट्रीटमेंट किया जा रहा है। खाली शुगर के विशेष पर नहीं है हम जो ट्रीटमेंट यूज कर रहे हैं या दवाइयां यूज कर रहे हैं उसका मकसद यह नहीं है कि इन दवाइयों से शुगर कम हुई है बल्कि मकसद चेंज हो रहा है उन दवाइयों से केवल शुगर ही कम न हो बल्कि हार्ट का बचाव हो रहा है किडनी का बचाव हो रहा है।



डायर्कटर, आर्टेमिस अस्पताल, डॉ. धीरज कपूर, का कहना है डायबिटीज और शुगर पर्याय नहीं है। यह बात हमको मानना पड़ेगा जब हम डायबिटीज कहते हैं तो उसमें बाद शुगर की करते हैं ब्लड प्रेशर की करते हैं और केलोस्ट्रोल की भी करते हैं। डायबिटीज कभी किसी को नहीं मारती। आदमी को जो दिक्कत होती है वह होती है हार्ट अटैक या किडनी फेलियर से। बढ़ी हुई शुगर इनके जरिए तंग करती है। लेकिन अगर हम हार्ट डिजीज कम पाए कम कर पाए तो हम एक अच्छी दूरी तय कर पाएंगे अपने पेशेंट के साथ।




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