डायबिटिज में इलाज, जागरूकता व शोधों पर मंथन के महाकुंभ का शुभारंभ

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 08 नवम्बर 2019, 12:18 PM (IST)

जयपुर । भारत में डायबिटिज के अध्ययन के लिए अनुसंधान सोसाइटी की 47वीं वार्षिक कांफ्रेंस 2019’’ (आर एस एस डी आई) का चार दिवसीय महाकुंभ हुई शुरुआत। सीतापुरा स्थित जयपुर प्रदर्शनी व कन्वेशन सेन्टर (जेईसीसी) में पारंपरिक दीप प्रजव्लन द्वारा आरम्भ हुई।



डायबिटीज से जुड़ी बीमारियों पर चर्चा करने के लिए 6000 देश-विदेश के विशेषज्ञ 7 - 10 नवम्बर तक चलने वाले इस सम्मेलन में अपने-अपने अनुभव साझा कर रहें हैं। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से डायबिटिज के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ आर एस एस डी आई के प्रेसिडेन्ट, डॉ. अजीव चावला; सचिव, डॉ. बी एम मक्कड और वैज्ञानिक अध्यक्ष, डॉ. बन्सी साबू सहित कई अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डायबिटिज विशेषज्ञ शामिल रहे। इन्टरनेशनल विशेषज्ञों में डॉ. एनटोनियो सैरिलियो, डॉ. जैको, डॉ. ताडेज, डॉ. कन्नूमलाई, डॉ. जिबिन ची रहे जो अमेरिका, इंग्लैण्ड, आस्ट्रिलिया, इटली, फ्रास, सिंगापुर आदि देशों से शामिल हुए। डायबिटिज के प्रति जयपुरवासियों में जागरूकता बडाने के लिए 09 नवम्बर सीतापुरा स्थित पोद्वार सर्कल से सुबह 06 बजे आयोजित की जाएगी। सम्मेलन के मुख्य समन्वयक, डॉ. सी. एल. नवल व सम्मेलन के आयोजन सचिव, डॉ. प्रकाश केशवानी ने यह जानकारी दी।
वैज्ञानिक सत्र के कोचेयरमैन, डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि आज के विभिन्न सत्रों में डायबिटिज के नये अनुसन्धान, प्रयोग, डायबिटिज को रोकने व प्रभावी ढंग से इलाज, टाईप-3 व टाईप-3 सी ‘डायबिटिज रिवरसल‘, जिससे डायबिटिज के मरीज 50 प्रतिशत कम हो सकते है र्सिफ लो-कौलोरी खाना खाने से और एक सत्र डायबिटिज की नई दवाईयों पर जो डायबिटिज को कन्ट्रोल करने के साथ साथ किडनि को खराब होनेएव र्हाट फेलियर से बचाती है, इन्सुलिन उपचार व जटिलताओं, टाईप-1, टाईप-2 डायबिटिज, शहरीकरण और आहार से जुड़े परिवर्तनों, डायबिटिज में इन्फलेमेशन, बीटा और अल्फा सैल का रोल, डायबिटिज का बिना सइड इफैक्ट इलाज डा. वी मोहन द्वारा, बीपी की नई विधियों पे शोध, आहार में परिव्रतन, डायबिटिज में फुट के बारे में, प्रेगनेन्सी के समय महिलाओं में होने वाले मधुमेह पर भी चर्चा हई। शोध कैसे लिखे पर आर एस एस डी आई की रुप रेखा और मरीजों से सम्वाद पर विशेष सत्र आयोजित किये गए। सम्मेलन के मुख्य समन्वयक, डॉ. सी. एल. नवल ने ये जानकारी दी।

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