वाराणसी रेलवे स्टेशन पर दक्षिण भारतीय भाषाओं में भी होगी घोषणा

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 07 नवम्बर 2019, 2:23 PM (IST)

वाराणसी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे उन्हीं के राज्य की भाषा में उन्हें जानकारी देगा। शुरुआती दौर में रेलवे तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं के लिए काम करेगा, जिससे दक्षिण भारत के यात्रियों को दिशा-निर्देश समझने में आसानी होगी।

क्षेत्रीय कैंट स्टेशन के निदेशक आनंद मोहन सिंह ने बताया कि गैर हिंदी भाषी खासकर दक्षिण भारत के लोग बनारस काशीनाथ विश्वनाथ के दर्शन के लिए बहुत ज्यादा संख्या में आते हैं। उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए अभी फिलहाल चार भाषाओं में रेलवे अनाउंसमेंट (घोषणा) की जाएगी। अभी सिस्टम अपग्रेड किया जा रहा है। इसके तहत अलग-अलग राज्यों में बोली जाने वाली भाषाओं को रिकॉर्ड किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि फिलहाल तमिल, मलयालम, कन्नड़ व तेलुगु भाषाओं में इसकी सुविधा मिलेगी। इसके बाद उड़िया व मराठी जैसी अन्य भाषाओं पर भी फोकस करेंगे। इस कार्य के पूरा होने की अभी कोई समय सीमा नहीं है, लेकिन नवंबर के अंतिम तक हम इसे पूरा कर लेंगे।



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आनंद मोहन सिंह ने बताया कि आने वाले समय में लगभग हर भारतीय भाषा में रेलवे अनाउंसमेंट की सुविधा मिलेगी। हिंदी नहीं जानने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे अनाउंसमेंट सिस्टम का सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। इसके बाद अलग-अलग राज्यों में बोली जाने वाली भाषाओं को भी रिकॉर्ड किया जाएगा। मेरी जानकारी में ऐसी अनोखी शुरुआत प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से ही की जा रही है।

दरअसल ट्रेनों की सही लोकेशन और प्लेटफॉर्म का पता लगाने में गैर हिंदी भाषी यात्रियों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। इसके अलावा उन्हें अपनी बात रखने में भी समस्या आती है। इसी कारण कई यात्रियों की ट्रेन भी छूट जाती हैं। अब विभिन्न भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराते हुए यात्रियों को राहत दी जाएगी।

निदेशक ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए एक हेल्प डेस्क भी बनाया गया है। इसके अलावा स्टेशन पर 26 फीट लंबी व 16 फीट चौड़ी स्क्रीन भी लगाई जाएगी, जिसमें विश्वनाथ जी के हमेशा लाइव दर्शन होंगे। स्टेशनों को सुंदर बनाने के लिए अन्य प्रयोग भी किए जाएंगे।"

ज्ञात हो कि रेलमंत्री रहे सुरेश प्रभु ने अंतरिम बजट में यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रेनों के अनाउंसमेंट कराने की घोषणा की थी।