छठ पर्व पर पहला अर्घ्य आज दिया जाएगा। यह अर्घ्य जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है। धार्मिक ग्रंथाें के अनुसार, सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और ये अर्घ्य उन्हीं को अर्पित किया जाता है। संध्या के समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष लाभ मिलते हैं। इस बार छठ का पहला अर्घ्य आज शाम को दिया जाएगा।
इस प्रकार की पूजा करने से मिलेगी उत्तम नौकरी का वरदान...
- सूर्य षष्ठी के दिन सुबह के समय एक चौकोर भोजपत्र लेना चाहिए।
- तांबे की कटोरी में लाल चंदन और गंगाजल मिलाकर स्याही तैयार करनी चाहिए।
- अब भोजपत्र पर ॐ घृणि आदित्याय नमः तीन बार लिखना चाहिए।
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- गायत्री मंत्र का लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से तीन माला जाप करना चाहिए।
- जाप करने के बाद आप यह भोजपत्र अपने माथे से छुने के बाद अपने पर्स या पॉकेट में रख लेना चाहिए।
छठ पर्व पर पहला अर्घ्य देने से खाेया मान-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
- सूर्य षष्ठी के दिन सुबह के समय जल्दी उठना चाहिए और स्नान करके हल्के लाल वस्त्र धारण कर लेना चाहिए।
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- एक तांबे की प्लेट में गुड़ और गेहूं रखकर अपने घर के मंदिर में रख देना चाहिए।
- अब एक लाल आसन पर बैठकर तांबे के दीये में घी का दीपक जला देना चाहिए।
- भगवान सूर्य नारायण के सूर्याष्टक का 3 या 5 बार पाठ करना चाहिए।
- अपने खोए हुए मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना भगवान सूर्यनारायण से करें।
- आप सुबह तांबे की प्लेट और गुड़ का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें।
ऐसे करने से छठ माता देंगी उत्तम संतान का महावरदान...
- सूर्य षष्टि के दिन सुबह के समय एक कटोरी में गंगाजल लेना चाहिए और घर के मंदिर में रख देना चाहिए।
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- अब लाल चन्दन की माला से ॐ हिरण्यगर्भाय नमः मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
- अपने घर के पास किसी शिवालय में जाकर यह गंगाजल एक धारा के साथ शिवलिंग पर अर्पण कर देना चाहिए।
- भगवान शिव और सूर्यनारायण की कृपा से उत्तम संतान का महावरदान आपको मिल जाएगा।
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